नई दिल्ली : ‘इंडिया’ गठबंधन के 21 सदस्यों ने मणिपुर के राहत शिविरों में दो दिन के दौरे के बाद रविवार को राज्यपाल अनसुइया उइके को ज्ञापान सौंपा और लोगों की समस्याओं की जानकारी दी है. विपक्ष दलों के मुताबिक उन्होंने हमारी बात सुनी और उन्होंने सभी पार्टियों के एक डेलिगेशन की मांग की.
राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के बाद इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया से बात की. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “…राज्पाल ने कहा मणिपुर के हालात के सामाधान के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए. जैसे ही हमें मौका मिलता है, हम संसद में केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे और केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से हमने यहां के लोगों ने जो मुद्द उठाया और खामियों बताई हैं उसे पेश करेंगे. हम देश की सरकार से अपील करते हैं कि वह देरी न करे, हमारे विश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करे और मणिपुर के हालात को लेकर चर्चा करे. हालात बहुत खराब हो रहे हैं और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता बढ़ रही है. ”
चौधरी ने कहा, “हम सभी 21 सांसदों ने उन्हें (राज्यपाल अनसुइया उइके) ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने भी अपना दर्द और अफसोस जाहिर किया. दो दिन की यात्रा के दौरान, हमने जो भी देखा, जो हमें अनुभव मिला, उसको लेकर उन्होंने हमारी बात मानी. उन्होंने हमें यह भी सुझाव दिया कि हमें सभी समुदायों के नेताओं से बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों को मिलकर मणिपुर में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए और सभी समुदायों के नेताओं से बात करनी चाहिए जो लोगों के बीच अविश्वास की भावना के समाधान के लिए जरूरी है.”
#WATCH | After meeting Manipur Governor Anusuiya Uikey, I.N.D.I.A. alliance delegation addresses the media.
Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury says, "…Governor has suggested that everyone should work together to find out a solution to the Manipur situation. As soon as we get… pic.twitter.com/9fqpItv9SL
— ANI (@ANI) July 30, 2023
राज्यपाल अनुसुइया से मिले INDIA के नेता
इससे पहले मणिपुर दौरे पर पहुंचे इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (INDIA) गठबंधन के नेताओं ने रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के लिए राजभवन पहुंचे.
विपक्षी गठबंधन के 21 सदस्य शनिवार को राज्य में दो दिन के लिए दौरे पर पहुंचे थे, जहां 4 मई से जातीय कलह और हिंसा जारी है.
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, जो कि दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, ने रविवार को कहा कि बैठक के दौरान मणिपुर की राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा.
उन्होंने बताया, “हम राज्य में शांति बहाली के लिए राज्यपाल से निवेदन करने जा रहे हैं. हम राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे.”
राजभवन पहुंचने से पहले तृणमूल सांसद सुष्मिता देव ने कहा मणिपुर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा, “यहां हालत काफी गंभीर हैं, यही बात बड़े स्तर पर मीडिया ने भी रिपोर्ट की है. हम राज्यपाल को एक संयुक्त ज्ञापन देना चाहते हैं और उनसे अपील करेंगे कि जितना जल्दी हो शांति बहाली की जाए. हम राज्यपाल से यह भी गुजारिश करेंगे कि वह राज्य की मौजूदा हालात के बारे में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बताएं. ”
पीएम के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने की बात कही
इससे पहले शनिवार को विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि उसका मकसद राज्य की दो दिन की यात्रा के दौरान यहां के लोगों के ‘मानसिक घाव को भरना है.’
जातीय हिंसा से विस्थापित स्थानीय लोगों के 4 राहत आश्रयों के दौरे के बाद एक प्रेस वार्ता में, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वे केंद्र के साथ चर्चा करने और शांति बहाल करने के लिए सुझाव और सलाह देने को तैयार हैं.
संघर्षग्रस्त राज्य में इसी तरह की टीम न भेजने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की कड़ी आलोचना करते हुए, विपक्षी नेताओं ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य का दौरा करते हैं तो वे खुशी से उनके साथ शामिल होंगे.
शनिवार शाम को प्रतिनिधिमंडल के साथी कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हमने हमेशा कहा है कि अगर प्रधानमंत्री यहां एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहते हैं, तो हमें इसका हिस्सा बनने में खुशी होगी. आखिरकार हम सभी चाहते हैं कि मणिपुर में जल्द से जल्द शांति लौटे.”
भाजपा ने इसे दिखावा और राजनीतिक पर्यटन कहा
हालांकि, भाजपा ने प्रतिनिधिमंडल पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष “भाग रहा है”.
हालांकि, भाजपा ने विपक्ष की मणिपुर यात्रा को “दिखावा” और “राजनीतिक पर्यटन” करार दिया.
विपक्ष पर मणिपुर पर संसद में बहस से भागने का आरोप लगाते हुए, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, “विपक्ष को कहीं भी जाने का अधिकार है. लेकिन, संसद में इस समय सत्र चल रहा है और सरकार (मणिपुर पर) चर्चा के लिए तैयार है.” तो, वे क्यों भाग रहे हैं? पिछले सात दिनों से, उन्होंने संसद को चलने नहीं दिया है.”
विशेष रूप से, मणिपुर का वायरल वीडियो – जिसमें दो महिलाओं को कथित तौर पर नग्न परेड करते हुए देखा गया था, जिसके बाद केंद्र और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया, इसके परिणामस्वरूप संसद में बार-बार व्यवधान और स्थगन हुआ.
दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और फूलो देवी नेताम; जदयू के राजीव रंजन ललन सिंह; तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव; डीएमके से कनिमोझी; सीपीआई के संतोष कुमार; सीपीआई (एम) से एए रहीम, राजद के मनोज कुमार झा; सपा के जावेद अली खान; झामुमो की महुआ माझी; एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैज़ल; जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर; आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन; आप के सुशील गुप्ता; शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत; वीसीके के डी रविकुमार; वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन, और आरएलडी के जयंत सिंह शामिल हैं.
विपक्ष ने बताया था क्यों कर रहे हैं राज्य का दौरा
शनिवार को मणिपुर पहुंचे विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता राज्य के चुराचांदपुर जिले के राहत शिविरों में पहुंचे थे. और लोगों का हाल-चाल जाना. उन्होंने कहा था कि वे राज्य के लोगों की मांग का प्रतिनिधित्व करने आए हैं. विपक्षी दल का यह प्रतिनिधिमंडल राज्य में दो दिन का दौरा आज खत्म हो गया है. मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने प्रतिनिधिमंडल से राज्य में शांति बहाली में मदद करने की अपील की है.
गौरतलब है कि मणिपुर में करीब 3 महीने से जारी जातीय हिंसा के कारण 150 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है और हजारों लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है.
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