चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सोमवार को अगले साल की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपने 64 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की.
इस सूची में, पार्टी ने बड़े पैमाने पर अपने पुराने नेताओं पर ही फिर से भरोसा किया है, जिसमें 2017 के चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवार भी शामिल हैं. हालांकि, इस सूची में कुछ नए चेहरे भी शामिल हैं.
शिअद प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, जो फिलहाल फरीदकोट सीट से लोकसभा सदस्य भी हैं, अपनी पुरानी विधान सभा सीट जलालाबाद से चुनाव लड़ेंगे, जिसे उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद छोड़ दिया था.
पूर्व कैबिनेट मंत्री जत्थेदार तोता सिंह धर्मकोट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बेटे माखन बरजिंदर सिंह को मोगा से चुनाव लड़ने का मौका मिला है.
पार्टी ने अभी तक सुखबीर के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पास वाली सीट लांबी और सुखबीर के बहनोई और पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की सीट मजीठा से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब पार्टी (शिरोमणि अकाली दल) ने चुनाव से कई महीने पहले ही अपने आधे से अधिक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इस बारे में बताते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता डॉ दलजीत सिंह चीमा, जिनका नाम भी इस पहली सूची में शामिल हैं ने कहा, ‘हम एक क्षेत्रीय दल हैं और हमारे यहां निर्णय आसानी से लिए जाते हैं. हमारा दिल्ली में कोई पार्टी आलाकमान नहीं बैठा है कि वह चीजों में देरी करे. इसके अलावा, कोविड और इसके कारण मची अनिश्चितता की वजह से हमने सीटों के लिए नामों की घोषणा कर दी है ताकि उम्मीदवारों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिले.’
इस बीच, पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा करने के शिअद के फैसले का किसान संघों द्वारा राजनीतिक दलों से किए गये इस अनुरोध से भी संबंध है कि वे तारीखों की घोषणा होने तक चुनाव प्रचार से दूर रहें.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘इससे उम्मीदवारों को जमीनी स्तर पर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को लामबंद करने में मदद मिलेगी और इससे पहले कि उन्हें बड़ी रैलियों में कोई मदद मिल सके, वे अपने- अपने निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर छोटे-छोटे समूहों में काम करेंगे.’
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20 सीटों पर लड़ेगी बसपा
शिअद के पिछले साल एनडीए गठबंधन छोड़ने से इस गठबंधन के तहत भाजपा द्वारा लड़ी जाने वाली 23 सीटों में से कम-से-कम एक दर्जन सीटों पर शिअद अपने उम्मीदवार उतारेगी. जून 2021 में शिअद के साथ गठबंधन करने वाली बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
जब शिअद का भाजपा के साथ गठबंधन था, तब उसने 94 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि भाजपा 23 सीटों पर लड़ी थी.
पूर्व में भाजपा के हिस्से वाली सीटों पर अनुभवी नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल लुधियाना पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे. इस सूची में कई नए चेहरों को भी शामिल किया गया है – राज कुमार गुप्ता सुजानपुर से, चंदन ग्रेवाल जालंधर सेंट्रल से, सरबजीत सिंह साबी मुकेरियां से और प्रीतपाल सिंह पाली लुधियाना सेंट्रल से चुनाव लड़ेंगे.
इस घोषणा के बाद पार्टी को किसी तरह के विद्रोह की उम्मीद नहीं है. केवल फतेहगढ़ साहिब सीट पर ही कुछ निराशा जगने की उम्मीद है, क्योंकि वहां पूर्व उम्मीदवार दीदार सिंह भट्टी के स्थान पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रणधीर सिंह चीमा के बेटे जगदीप सिंह चीमा को टिकट दिया गया है.
पार्टी के एक अन्य दिग्गज, हरीश राय ढांडा, व्यापारी गुरमीत सिंह कुलार की जगह, आत्म नगर सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिन्होंने जुलाई में हीं यह घोषणा कर दी थी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
दलबदलुओं को भी मिला इनाम
पार्टी ने अपनी पहली सूची में कई दलबदलुओं को भी पुरस्कृत किया है. अनिल जोशी, जिन्होंने हाल ही में शिअद में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी थी, अमृतसर उत्तर की अपनी पुरानी सीट से चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के पूर्व नेता हंस राज जोसन फाजिल्का से चुनावी मैदान में उतरेंगे तथा पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़, जिन्होंने शिअद में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी, जालंधर छावनी से अपना ज़ोर आज़माएँगे.
एक अन्य पूर्व कांग्रेसी नेता जगमीत सिंह बराड़ को बठिंडा के मौर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है, जो पहले बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जनमेजा सिंह सेखों के पास थी. सेखों अब एक अन्य विधान सभा सीट जीरा से चुनाव लड़ेंगे.
बादल सरकार के जिन अन्य कैबिनेट मंत्रियों को इस बार भी टिकट दिया गया है, उनमें दलजीत सिंह चीमा, जो अपनी गृह सीट रोपड़ से चुनाव लड़ेंगे; रामपुरा फूल से सिकंदर सिंह मलूका; साहनेवाल से शरणजीत सिंह ढिल्लों; और अटारी (एससी) से गुलजार सिंह रानिके, शामिल हैं.
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