scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिनूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, देश भर में दर्ज FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने का दिया आदेश

नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, देश भर में दर्ज FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने का दिया आदेश

शीर्ष अदालत ने नुपुर शर्मा को उनके बयान पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाने की अनुमति दी और कहा, भविष्य की सभी एफआईआर भी जांच दिल्ली पुलिस ही करेगी इसलिए सारे मामले ट्रांसफर किए जाए.

Text Size:

नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को राहत दी है. शीर्ष अदालत ने नूपुर पर देशभर में दर्ज की गई एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है साथ ही यह भी कहा है कि इन सभी एफआईआर पर एक साथ सुनवाई होगी. साथ ही नूपुर शर्मा के खिलाफ क्लब की गई सभी एफआईआर की जांच भी दिल्ली पुलिस करेगी.

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने नूपुर को राहत दी और कहा कि दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) द्वारा जांच पूरी होने तक नूपुर शर्मा को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा भी बढ़ा दी है.

नूपुर शर्मा के खिलाफ सबसे पहले महाराष्ट्र में मामला दर्ज किया गया था उसके बाद पश्चिम बंगाल, राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए.

पीठ ने कहा, ‘चूंकि यह अदालत पहले ही याचिकाकर्ता के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संज्ञान ले चुकी है, इसलिए नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी एफआईआर को ट्रांसफर किया जाए और दिल्ली पुलिस से जांच के लिए जोड़ा जाए.

शीर्ष अदालत ने नुपुर शर्मा को उनके बयान पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाने की भी अनुमति दी और कहा कि ‘भविष्य की सभी एफआईआर भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस ही करेगी इसलिए सारे मामले ट्रांसफर किए जाए.’

बता दें कि इससे पहले 19 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 10 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. यही नहीं कोर्ट ने यही भी आदेश दिया था कि शर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार से सम्मन मिल रहा है. इस पर शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी की उस प्रार्थना को भी खारिज कर दिया, जिसमें अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी.

कब कब क्या क्या हुआ

27 सितंबर- को नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैंगबर पर विवादित बयान दिया
1 जून- नूपुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई
3 जून- विवादित बयान की वजह से कानपुर में हिंसा हुई

04-05 जून- कई देशों ने नूपुर के बयान पर सज्ञान लिया और विवादित बयान का विरोध जताया
05 जून को ही नूपुर को पार्टी से निकाला

यही नहीं एक जुलाई को कोर्ट ने देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए नूपुर को फटकार लगाई और कहा, कि देशभर में जो भी हिंसा हो रही है उसके लिए ‘अकेले वो ही जिम्मेदार’ हैं. कोर्ट ने तब कहा था कि नूपुर ने टेलीविजन पर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाली टिप्पणी की.


ये भी पढ़ें: ओबीसी वोटबैंक, बघेल से मुकाबला—भाजपा ने अपनी आदिवासी छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख को क्यों बदला


 

share & View comments