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Monday, 9 December, 2024
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‘ये राजनीति है’, अजित बोले- यहां कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, चाचा शरद पवार के गढ़ में दिखाई पावर

अजित पवार ने पार्टी के नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता. ये राजनीति है.’

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने कहा कि राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है.

मुंबई से लगभग 390 किलोमीटर दूर अपने चाचा शरद पवार के गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे से धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को फायदा होगा.

गौरतलब है कि अजित पवार के चाचा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने 10 दिन पहले ही बीड में एक रैली को संबोधित किया था.


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चाचा के गढ़ में अजित पवार 

अजित पवार ने उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘‘राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता. ये राजनीति है.’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा पूरे देश में देखा जाता है और उम्मीद है कि धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को इस करिश्मे से फायदा होगा.

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल होने के बाद शनिवार को पहली बार बारामती पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार का क्षेत्र में भव्य स्वागत हुआ.

बारामती राकांपा प्रमुख शरद पवार का गढ़ कहलाता है. महाराष्ट्र विधानसभा में अजित पवार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

सफेद कुर्ता-पायजामा और पगड़ी पहनकर बारामती पहुंचे अजित पवार पर फूलों की बारिश की गई और उन्हें एक बड़ी माला भेंट की गई. वह एक वाहन में ‘रोड शो’ का नेतृत्व करते हुए रैली स्थल तक पहुंचे.

वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर अपनी पार्टी में विभाजन को खारिज कर दिया है.  उन्होंने कहा कि यह सच है कि कुछ विधायक पार्टी से चले गए हैं, लेकिन अकेले विधायकों का मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी नहीं होता.

पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं.

पार्टी के बागी नेताओं के प्रति नरम रुख को लेकर किए गए सवाल पर पवार ने कहा, ‘‘राकंपा विभाजित नहीं हुई है. हालांकि यह सच है कि कुछ विधायक चले गए हैं, विधायकों का मतलब राजनीतिक दल नहीं है. बागियों का नाम लेकर उन्हें महत्व क्यों दिया जाए.’’

पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष एवं शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा था कि पार्टी विभाजित नहीं हुई है और अजित पवार उनके नेता बने रहेंगे. इस बयान के बारे में पूछे जाने पर पवार ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘हां, इसमें कोई विवाद नहीं है.’’ लेकिन कुछ घंटों बाद, पवार ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया.

अजित पवार और राकांपा के आठ अन्य विधायक दो जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा, ‘‘मैं फासीवादी प्रवृत्तियों का विरोध करना जारी रखूंगा. केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है.’’

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ संयुक्त अभियान पर भी चर्चा की जाएगी.

पवार ने कहा, ‘‘मैं महाराष्ट्र में बदलाव देख सकता हूं. जनता उन लोगों से निराश है जो भाजपा के साथ गए. मुझे विश्वास है कि लोग चुनावों में सही जनादेश देंगे और भाजपा को उसकी सही जगह दिखाएंगे.’’

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर पवार ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जाना चाहिए.’’


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