पटनाः आरजेडी और अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ ग्रैंड अलायंस की घोषणा के बाद जेडी(यू) नेता नीतीश कुमार बुधवार को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि तेजस्वी यादव डिप्टी चीफ मिनिस्टर की शपथ ले सकते हैं.
बिहार के राज्यपाल से मिलने के बाद उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ के संयुक्त प्रेस मीट में कहा कि, हमारे महागठबंधन में साथ सात पार्टियां और 164 विधायक हैं.’ बता दें कि नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया और बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य में तेजस्वी यादव के साथ हाथ मिला लिया.
नीतीश कुमार के नए ट्वीट के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में दिन के 2 बजे किया जाएगा. हालांकि, आरजेडी ने कुछ भी ट्वीट नहीं किया है लेकिन राजनीतिक हलकों में ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री होंगे.
एक दिन पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल से दो बार मुलाकात की थी. एक बार उन्हें इस्तीफा सौंपने के लिए और दोबारा आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन का नेता चुने जाने के का दावा करने के लिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौप दी है. अब वे फैसला लेंगे कि शपथ ग्रहण कब लेना है. बता दें कि यह 8वीं बार है जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
इस बीच बीजेपी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बिहार के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान किया है. तेजस्वी यादव ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि हिंदी पट्टी में उनका कोई अलायंस पार्टनर नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी उनके साथ गठबंधन करती है बीजेपी उसे नष्ट कर देती है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘जेपी नड्डा ने कहा था कि वे क्षत्रीय पार्टियों को खत्म कर देंगे. बीजेपी सिर्फ लोगों को धमकाना और खरीदना जानती है. हम सभी चाहते थे कि बीजेपी का एजेंडा बिहार में लागू न हो. हम सभी को पता है कि लालू जी ने आडवाणी जी का रथ रुकवा दिया था और हम किसी भी कीमत पर नहीं रुकेंगे.’
जेडीयू और बीजेपी ने 2020 में साथ चुनाव लड़ा था और बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलने के बावजूद भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया था. नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ लगभग दो दशकों के साथ गठबंधन है और अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री भी थे.
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