नई दिल्ली: बिहार में हाल ही में बनी महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में घिरे कानून मंत्री कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया है. उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा 30 अगस्त के एक आदेश के तहत कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग और शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग के स्थान पर विधि विभाग का प्रभार अगले आदेश तक सौंपा गया है.
बता दें कि कार्तिक कुमार को अपहरण के एक मामले में 16 अगस्त को पटना जिला के दानापुर की एक अदालत में आत्मसमर्पण करना था. और उसी दिन ही उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कोटे से मंत्री के रूप में शपथ ली थी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर कार्तिक के खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन ही शपथ ग्रहण कर ली, जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था.
कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने 18 अगस्त को कहा था, ‘वारंट के बाद अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है. उनको अभी तक अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है. हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे.’
कार्तिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सुशील मोदी के बारे में कहा था, ‘यह सब गलत है.’
बिहार में चल रही महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही भाकपा-माले ने 17 अगस्त को कहा था कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी.
वर्तमान महागठबंधन में जनता दल (यूनाइटेड), राजद, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)
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