नई दिल्ली: रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनके पास गांधी की तरह ‘खानदान’ नहीं था, जिसकी वे शेखी बघार सकें.
संसद में राफेल पर हो रही बहस में सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पृष्ठभूमि को भी साधारण बतलाया था.
सीतारमण ने कहा, ‘प्रधानमंत्री गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं. वे अपने कठिन परिश्रम की बदौलत यहां पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री ने अपना सम्मान बरकरार रखा है. हम सभी बहुत ही साधारण घरों से आए हैं.’
बस उनके इतना ही कहने की देर थी कि सोशल मीडिया पर लोगों ने सीतारमण के पूरे खानदान का चिट्ठा खोल दिया.
सीतारमण के पिता तो एक रेलवे कर्मचारी थे, लेकिन उनके ससुराल का राजनीती से काफी तगड़ा नाता है.
एक व्यक्ति जो सीतारमण के परिवार को अच्छे से जानते हैं, ने कहा, ‘उनके पति एक राजनीतिक परिवार से हैं, लेकिन राजनीति में वे इतने सफल न हो पाए. उनका ससुराल भी राजनीति से जुड़ा रहा है. उनका परिवार पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से भी जुड़ा रहा था.’
ससुराल
सीतारमण के पति परकाल प्रभाकर कांग्रेस में थे, जिन्होंने आंध्र प्रदेश के नरसपुर से दो बार चुनाव लड़ा (1994 और 1996 उप-चुनाव) और वे दोनों बार हार गए.
इसके बावजूद टाइम्स ऑफ़ इंडिया के आर्टिकल के अनुसार उन्होंने ‘पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के साथ संबंधों को मज़बूत किया’.
प्रभाकर ने बाद में भाजपा ज्वाइन की और 1998 में नरसपुर से चुनाव लड़े, लेकिन फिर से हार गए.
2008 में जब फिल्म स्टार चिरंजीवी ने अपनी खुद की प्रजा राज्यम पार्टी लॉन्च की तब प्रभाकर भी वहां चले गए, लेकिन वे वहां भी ज़्यादा देर नहीं टिके. इसके बाद वे चंद्रबाबू नायडू की सरकार में कैबिनेट रैंक पर बतौर कम्युनिकेशन्स एडवाइज़र नियुक्त हुए. लेकिन जब तेलुगु देशम पार्टी ने खुद को एनडीए से बाहर किया, तब प्रभाकर ने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. चूंकि उनकी पत्नी भाजपा से मंत्री थीं तो उनकी ईमानदारी पर सवाल उठने शुरू हो गए थे.
तीखे प्रहार
रक्षामंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खानदान पर आरोप लगाया कि वे उनके और प्रधानमंत्री के साधारण परिवारों की बेइज्जती कर रहे थे.
रक्षामंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को चोर कहने के बाद क्या आपने माफ़ी मांगी? मैं साधारण घराने से आ सकती हूं, प्रधानमंत्री भी साधारण घराने से आ सकते हैं, लेकिन आपको किसने यह अधिकार दिया कि आप यह सब शब्द उन्हें कहें?’
संसद के पिछले सत्र में राहुल की मोदी को दी गई झप्पी और उसके बाद आंख मारने वाली हरकतों को भी सीतारमण ने संज्ञान में लिया. उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ किसी खानदान का विशेषाधिकार नहीं है कि वह खुद को सुरक्षित रखे. हमारा सम्मान बरकरार है… पहले गले लगो, फिर वापस जाकर आंख मारो, यह प्रधानमंत्री का अपमान है कि नहीं? आप मुझ पर भी चीखे. आपने मुझे भी झूठी कहा.’
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