नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान, जो भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) द्वारा मैदान में उतारे गए थे, रामपुर जिले के स्वार निर्वाचन क्षेत्र से हार रहे हैं .
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर शाम 4.30 बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वह 33,000 से अधिक मतों से पीछे चल रहे थे.
खान ने सपा के पूर्व विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ा, जो सपा के दिग्गज आजम खान के बेटे हैं, जो इस समय जेल में हैं. अब्दुल्ला आजम 68,624 मतों के साथ आगे थे, जबकि हैदर अली 34,812 मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे.
हैदर अली खान, जिन्हें हमजा मियां के नाम से भी जाना जाता है, रामपुर के आखिरी नवाब सैयद रजा अली खान के पोते और नूर महल के उत्तराधिकारी है.
तीस वर्षीय हैदर अली के पिता काजिम अली खान उर्फ़ नावेद मियां ने 2017 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे. इस बार, नावेद मियां ने आजम खान के खिलाफ बगल की सीट रामपुर से चुनाव लड़ा.
इस बार आज़म खान 46,000 से अधिक मतों के बड़े अंतर से जीतते दिख रहे हैं, जबकि काज़िम अली खान दूसरे स्थान पर भी नहीं थे.
हैदर अली खान इसी साल जनवरी में केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (सोनेलाल) में शामिल हुए थे.
खान की दादी बेगम नूर बानो भी लोकसभा सांसद रही हैं – उन्होंने 1996 और 1999 में दो बार कांग्रेस के टिकट पर रामपुर लोकसभा सीट जीती थी.
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के लक्ष्मी सैनी को 53,000 से अधिक मतों से हराकर स्वार सीट जीती थी. सैनी को सिर्फ 26 प्रतिशत वोट मिले थे. सैनी के बाद बसपा के नवाब काजिम अली खान थे, जिन्हें 20 फीसदी वोट मिले थे.
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