नई दिल्ली: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं उसपर भाजपा लगातार इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पूरे मामले को भटकाने वाला बता कर खारिज कर दिया है.
शरद पवार ने कहा, ‘यदि आप पूर्व आयुक्त के पत्र को देखें, तो उसमें वह कहते हैं कि फरवरी के मध्य यानी 6 से 16 फरवरी के बीच उन्हें कुछ अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि गृह मंत्री से ऐसे निर्देश (100 करोड़ रुपये महीने वसूली करने के) मिले हैं. लेकिन इसी दौरान कोरोना संक्रमित होने के चलते गृहमंत्री अस्पताल में भर्ती थे.’
If you see the former Commissioner's letter, he mentions that in mid-February he was informed by certain officers that they got such and such instructions from Home Minister…From 6th-16th Feb, Mr Deshmuklh was admitted in the hospital because of Corona: NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/9J1PNyZ7Vr
— ANI (@ANI) March 22, 2021
पवार से जब अनिल देशमुख के इस्तीफे की बात पूछी तो उन्होंने कहा, ‘उनके इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता. परमबीर के आरोपों में कोई दम नहीं है.’
पवार ने यह भी कहा कि ‘उन्होंने कल मुख्यमंत्री ठाकरे से बात की और महाराष्ट्र सरकार को कोई खतरा नहीं है.’
पवार ने कहा कि यह साफ हो गया है कि जिस दौरान उनपर ये आरोप लगाए जा रहे हैं उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे. भाजपा की मांग में कोई दम नहीं है.यह चिट्ठी भटकाने की साजिश है.
पवार ने कहा कि जहां तक जांच की बात है वह ‘मुख्यमंत्री को तय’ करना है.
हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इस दौरान का एक वीडियो जारी किया है जिसमें यह दिखाया गया है कि देशमुख 15 तारीख को प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे.
शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही भाजपा आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने अनिल देशमुख का 15 फरवरी का एक ट्वीट शेयर किया.
अमित मालवीय ने ट्वीट में लिखा कि शरद पवार यह दावा कर रहे हैं कि अनिल देशमुख 5-15 फरवरी अस्पताल में भर्ती थे और 16-27 फरवरी क्वांरेंटाइन थे लेकिन 15 फरवरी को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की थी.
Sharad Pawar claims Anil Deshmukh was in hospital from 5-15 Feb and in quarantine from 16-27 Feb.
But Anil Deshmukh was holding a press conference on 15 Feb…
How lies fall flat! https://t.co/ceZGxFaIYz
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 22, 2021
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वहीं दूसरी तरफ राज्य सभा और लोकसभा में महाराष्ट्र मामले को लेकर लगातार हंगामा होता रहा.केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कई नेताओं सदन में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ हाल के भ्रष्टाचार के आरोपों को उठाया. जिसके बाद हंगामे के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
स्वयं की आग में जल जाएंगे-राउत
लगातार महाराष्ट्र सरकार पर उठ रहे सवालों पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘अगर ऐसे ही इस्तीफे लेने लगे तो फिर सरकार चलाना ही मुश्किल हो जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि अगर कोई राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश करेगा तो आप स्वयं उसी आग में जल जाएंगे.’
बता दें कि परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे एक खत में आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया था.
अनिल देशमुख को लेकर जारी विवाद पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘अगर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने फैसला किया है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए, तो फिर इसमें क्या गलत है? आरोप तो कोई भी किसी पर भी लगा सकता है. अगर लोग मंत्रियों का इस्तीफा ऐसे ही लेने लगे, तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा, ‘गृहमंत्री (अनिल देशमुख) ने कहा कि ‘लेटर बम’ की तथ्यों की जांच होनी चाहिए, सीएम को इसकी जांच करनी चाहिए. एनसीपी प्रमुख ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. अगर सरकार इस जांच की चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार है, तो इस्तीफे का मुद्दा बार-बार क्यों उठाया जा रहा है?.’
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के लेटर में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और अन्य स्थानों से उगाही करने का लक्ष्य देते थे.
सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि देशमुख ने हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया था. हालांकि, देशमुख ने सिंह के आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया है और इसे आईपीएस अधिकारी द्वारा खुद को जांच से बचाने का प्रयास करार दिया है.
‘परमबीर की चिट्ठी सोची समझी साजिश’
वहीं इस मामले में एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमें लगता है कि परमबीर सिंह की चिट्ठी एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. परमबीर सिंह की दिल्ली में किस-किस से मुलाकात हुई थी उसकी हमें जानकारी है. जांच के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी.
मलिक ने आगे कहा कि अधिकारियों के माध्यम से चिट्ठी की जांच होगी. एक चिट्ठी के आधार पर गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग हो रही है. इस्तीफा देने का सवाल नहीं होता है. पार्टी ने निर्णय लिया है कि जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
एनसीपी नेता ने यह भी कहा, ‘परम बीर सिंह का पत्र सवाल उठाता है, ये चिट्ठी ट्रांसफर के बाद लिखी गई है. जांच (गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ) होगी. एचएम का इस्तीफा पत्र के आधार पर मांगा जा रहा है और इसपर कोई सवाल ही नहीं पैदा होता. जांच के बाद ही पार्टी कुछ निर्णय ले पाएगी.’
नवाब मलिक ने यह भी कहा कि अपने खत में परमबीर सिंह ने यह लिखा है कि वह गृह मंत्री से से मिला. लेकिन मंत्री 1 से पांच फरवरी तक विदर्भ की यात्रा पर थे. वह 15 तारीख को कोविड पोजिटिव पाए गए और 28 फरवरी तक उनकी किसी से मुलाकात नहीं हुई. तो खत में ये सारे सवाल प्रश्नचिन्ह पैदा करते हैं.
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी.
इसकी प्रारंभिक जांच में आतंकी कनेक्शन की बात हुई लेकिन जल्द ही एनआईए की जांच में मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे पर शक की सूई घूमती चली गई जिस आग में पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की कुर्सी भी गई जिसके बाद उन्होंने एक लेटर बम फोड़ा और गृहमंत्री के खिलाफ चार पन्नों का खत उद्धव ठाकरे को लिखा.
बता दें कि 24 मार्च को भाजपा का एक दल महाराष्ट्र की स्थिति को लेकर गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मिलेगा.
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