नई दिल्ली : कैप्टन अमरिंदर सिंह से लगातार चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. दोनों नेताओं के बीच अक्सर मतभेद सामने आता रहा है. खासकर सिद्धू के पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के आर्मी चीफ को गले लगाने के बाद से कैप्टन उनका मुखर विरोध करते रहे हैं. सिद्धू का मंत्रालय बदले जाने के बाद यह मतभेद खुलकर सामने आ गया था.
सिद्धू ने राहुल गांधी को भेजे त्याग पत्र की कॉपी को ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि राहुल गांधी को 10 जून को भेजा उनका त्याग पत्र. सिद्धू ने दूसरे ट्वीट में त्याग पत्र की कॉपी सीएम को भेजने की भी बात की है.
Congress leader Navjot Singh Sidhu tweets, "Will be sending my resignation to the Chief Minister, Punjab." ; He today tweeted copy of his resignation as Punjab minister sent to Rahul Gandhi in June. https://t.co/QqRcgdTOOA
— ANI (@ANI) July 14, 2019
गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू का जब से मंत्रालय बदला गया है तब से वह नाराज चल रहे हैं. बीते 6 जून को सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से शहरी निकाय के साथ पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग वापस लेकर उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का जिम्मेदारी दे दी थी. मुख्यमंत्री ने इसके लिए सिद्धू के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया था और तब से दोनों के बीच तनाव बढ़ा गया था.
वहीं बीते जून के आखिरी में पंजाब सरकार के विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर की जांच-पड़ताल की थी. कागज़ों की जांच-पड़ताल में सामने आया कि सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे जिनके अधीन ये दफ़्तर था. इसके पहले भी इस विभाग से जुड़े अलग-अलग दफ़्तरों में विजिलेंस ने तलाशी ली थी.
अमरिंदर सिंह से विवादों के बीच राहुल गांधी से मिले थे सिद्धू
वहीं इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मनमुटाव के बीच पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू 10 जून को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी और अहमद पटेल की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले थे.
सिद्धू ने बैठक के बाद राहुल को दिए पत्र की बात का खुलासा किए बिना एक ट्वीट किया था, ‘कांग्रेस अध्यक्ष से मिला, उन्हें अपना पत्र सौंपा, उन्हें हालात से अवगत कराया!’ यह सब उन्होंने अमरिंदर सिंह की उस कार्रवाई के मद्देनजर किया था जिसमें सिद्धू को स्थानीय सरकार व पर्यटन और संस्कृति विभाग से हटा कर उन्हें पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स मंत्रालय दे दिया गया था.
मुख्यमंत्री की यह कार्रवाई सिद्धू की एक कैबिनेट बैठक छोड़ने के बाद हुई थी और सिंह पर सार्वजनिक रूप से हमला बोला था कि उनके मंत्रालय की कथित विफलता के कारण शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस को नुकसान हुआ है जो कि उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपनी विवादास्पद यात्रा के बाद से सिद्धू की सिंह से भिड़ंत जारी रही हैं जहां उन्होंने (सिद्धू) सेना प्रमुख को गले लगाया था, जिसके कारण भारत में एक बड़ा विवाद हुआ था. यह मामला चुनावों के दौरान आगे बढ़ा जब सिद्धू और उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने चंडीगढ़ या अमृतसर में से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें टिकट देने से इन्कार कर दिया है.