तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सांसद कविता ने राज्य में बन रहे विपक्षी गठबंधन की चुनौती को भी ख़ारिज कर दिया.
हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सांसद कविता ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हमेशा तेलंगाना के हितों के खिलाफ काम किया है और लोग राज्य में कांग्रेस की मदद से बैकडोर एंट्री के उनके प्रयासों की प्रशंसा भी नहीं करेंगे. उन्होंने विपक्षी गठबंधन की चुनौती को भी ख़ारिज कर दिया.
गौरतलब है कि कांग्रेस, नायडू की टीडीपी, सीपीआई और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के अध्यक्ष एम कोदंडराम (राज्य के आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा) ने 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा कर दी है. हालांकि इस गठबंधन को अभी भी औपचारिक रूप से सीटें साझा करनी हैं.
दिप्रिंट से बातचीत करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पुत्री कविता ने कहा कि ‘अगर आप चार शून्य को जोड़ दे फिर भी वो शून्य ही रहेगा.’
उन्होंने कहा कि ‘तेलंगाना में टीडीपी की कोई मौजूदगी नहीं है. राज्य का हर एक नागरिक जानता है कि चंद्रबाबू नायडू ने तेलंगाना हितों के खिलाफ काम किया है. जो भी 1-2 प्रतिशत टीडीपी कैडर था वे लोग टीआरएस में शामिल हो गए थे. जबकि कांग्रेस तेलंगाना के लोगों के साथ कभी भी खड़ी ही नहीं थी.’
2014 तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 63 सीटें जीती और 34 प्रतिशत मत हासिल किया. कांग्रेस ने 21 सीटों के साथ 25 प्रतिशत मत हासिल किया था. जबकि टीडीपी 14.5 फीसदी मत के साथ 15 सीटें पाने में कामयाब हुई थी.
एक अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए अपने पक्ष में मजबूत सार्वजनिक भावनाओं के बावजूद पिछले विधानसभा चुनावों में टीआरएस बहुत कठिन दौर से गुजरी थी.
हालांकि केसीआर का कार्यकाल समाज के हर वर्ग में लक्षित जन कल्याणकारी योजनाओं, राज्य में महत्वपूर्ण निवेश प्रवाह और एक बेहतर व्यापार वातावरण के लिए जाना जाता है.
लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के खिलाफ मजबूत सत्ताविरोधी लहर और राज्य बनने के बाद सरकार के बहुत अधिक सार्वजनिक उम्मीदों ने विपक्षी खेमें में आशा की किरण जलाई है लेकिन उनके पास केसीआर की लोकप्रियता का सामना करने के लिए कोई चेहरा नहीं है.
‘केसीआर फिर से सत्ता में वापस होंगे’
कविता ने विश्वास व्यक्त किया और कहा कि उनके पिता फिर से निर्वाचित होंगे क्योंकि लोगों को पता है कि उनकी ‘रणनीति’ और ‘लगन’ के कारण ही उन्हें एक अलग राज्य मिला है.
उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना की जनसंख्या लगभग 3.5 करोड़ है. लेकिन 6.5 करोड़ से अधिक लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभ हुआ है. मैं ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि हर व्यक्ति कम से कम दो योजनाओं का लाभार्थी है. यही कारण है कि हम बहुत आश्वस्त हैं कि लोग हमें हारने नहीं देंगे’.
उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा सरकार की आलोचना को खारिज कर दिया. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने 2 लाख सरकारी नौकरियों का सृजन नहीं किया.
कविता ने कहा कि हमने कभी भी किसी भी संख्या का उल्लेख नहीं किया. चंद्रबाबू नायडू द्वारा किए गए वादे के साथ विपक्षी पार्टियां लोगों को भ्रमित करती रहती हैं. हमने हमेशा कहा कि एक लाख सरकारी नौकरियों को सृजित किया जा सकता है और हमने इसे किया है. 87,000 नौकरियों की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. जिनमें से 32,000 नौकरियां पहले ही दी जा चुकी हैं.’
चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं के सवाल पर कविता ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा मुसलमानों में ये बात प्लांट की जा रही है. मुस्लिम राज्य की आबादी का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा कि ‘अगर कल को त्रिशंकु संसद बनती है और यदि टीआरएस भाजपा के साथ जाएगी तो कांग्रेस को सत्ता में कभी आने का प्रयास नहीं करना चाहिए. लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग हैं. लोग राज्य में टीआरएस को चाहते हैं लेकिन केंद्र में वे निश्चित रूप से कांग्रेस को नहीं चाहते हैं. इन्ही सब कारणों से कांग्रेस डर रही है और विचित्र कहानियां प्लांट करवा रही है.’
हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि ‘टीआरएस ने गठबंधन के सभी विकल्पों को खुले रखा है. हम एक राजनीतिक दल हैं. हम समय से पहले अपने दांव क्यों बताएं? लोकसभा चुनाव होने दें. हमें राज्य की बेहतरी के लिए काम करना है.’
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