नई दिल्ली : कांग्रेस में लगातार चल रहे बगावती सुरों में एक नाम और जुड़ गया है. हरियाणा कांग्रेस के नेता अशोक तंवर के बाद अब मुंबई के कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने उन्हें तवज्जों न दिए जाने का आरोप लगा पार्टी छोड़ने की धमकी दी है. उनका कहना है कि उनके जैसे पार्टी के संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता को वैल्यू नहीं दी जा रही है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईएसीसी) में बैठे लोग बायस्ड (पूर्वाग्रह से ग्रसित) हैं उन्हें जमीन की समझ नहीं, पार्टी पर उनकी पकड़ नहीं है. उन्होंंने नाम लिए बने मुंबई के नये चीफ मिलिंद देवड़ा पर जमकर अपनी भड़ास निकाली.
Sanjay Nirupam, Congress: I don't think I would want to leave the party but if the things within the party continues to be like this, then I don't think I can be in the party for long. I will not take part in election campaign. #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/qnNavH7kw1
— ANI (@ANI) October 4, 2019
निरूपम ने कहा उनके जिले में पार्टी की ओर से टिकट बांटने में उनसे बात नहीं की गई. उन्होंने कहा, ‘यहां एक सीट एनसीपी को दी गई जिसको लेकर मुझसे बात तक नहीं की गई. गोरेगांव में जिसको सीट दी गई एक बार भी मुझसे बात नहीं की गई. यह मेरा जिला है. बाकि दो सीटों का वही हाल है. कोई एक सीट होती तो भी चुप रहता है.’
उन्होंने पार्टी में अपने खिलाफ एक्टिविटी का आरोप लगात हुए कहा, ‘पूरे जिले में संजय निरूपम की कोई सै नहीं रहनी चाहिए यह एक सोची-समझी भूमिका दिल्ली में बैठे लोगों ने बनाई थी जिसका नतीजा ये है.
उन्होंने पार्टी में खुद को सबसे ज्यादा अनुभवी बताते हुए कहा, ‘मैं मुंबई कांग्रेस का प्रेसिडेंट रहा हूं लगभग चार साल तक. कांग्रेस के वर्कर और लीडर के तौर पर पूरे मुंबई को जितना मैं समझता हूं शायद इतना समझने वाला आज कांग्रेस पार्टी में कोई और नहीं है. मैं पूरे मुंबई में बता सकता हूं कि कहां कौन सीट कैसी है कौन सा कैंडिडेट अच्छा है. लेकिन उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया में मुझसे कोई बात नहीं की गई.’
उन्होंने इशारे में बिना नाम लिए कहा, ‘एक जनरल सेक्रेटरी हैं जो कि मुंबई के इंचार्ज हैं उन पर तो कोई फर्क ही नहीं पड़ा. बल्कि मैं उन पर आरोप लगाना चाहूंगा कि जब से वह जनरल सेक्रेटरी, इंचार्ज बने हैं मुंबई में एंटी पार्टी एक्टिविटी बढ़ी है. मेरे खिलाफ जो अभियान शुरू हुआ वह पहले भी था लेकिन पार्टी कहीं न कहीं गलत और सही समझ रही थी. लेकिन जब से ये आए याद करके मेरे खिलाफ एक रिबेल एक्टिविटी चलती रहनी चाहिए इस प्रकार के प्रयास में जुटे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘आखिरकार जब लोकसभा का चुनाव हो रहा था तब ऐन वक्त पर मुझे हटाया गया तब मैं कुछ नहीं बोला और हंसते हुए टाल दिया. पार्टी का फैसला मानकर स्वीकार किया, एक पार्टी के लॉयल वर्कर के तौर पर. इसका थोड़ा ही सही लोकसभा चुनाव पर असर पड़ा.’
उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, ‘मैं जमीन से जुड़ा व्यक्ति हूं काम करता हूं आगे भी काम करता रहूंगा. मुझे अच्छा लगता है लोगों के लिए लड़ना. लेकिन अब मुझे लगता है पार्टी में मेरे जैसे संघर्ष करने वाले लोगों की अब कोई वैल्यू नहीं.’
उन्होंने कहा कि खूब सारे कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका अगला कदम क्या होगा. ‘जैसा कि उन्होंने कल भी बोला था मुझे अभी पार्टी नहीं छोड़ना. लेकिन ये लंबे समय तक चलता रहा शायद बहुत लंबे समय तक हम पार्टी में नहीं रह पाएंगे. क्योंकि पार्टी बेहतर बने, रिवाइवल हो, फिर से पार्टी पूरे देश में खड़ी हो इस भावना से मैंने काम किया है. आगे भी काम करने की इच्छा है. लेकिन ऐसा चलता रहा तो पार्टी को छोड़ने की नौबत आएगी. आज सिर्फ इतना फैसला जिसका मैं एनाउंसमेंट कर रहा हूं.’