लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इस्तीफा देने के बाद बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने रविवार को रमाबाई आंबेडकर रैली स्थल में एक जनसभा कर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश को आरएसएस चला रहा है.
सावित्री बाई फुले ने कहा कि जब वह भाजपा में थीं तो उन्हें लोकसभा के अंदर अपने मन की बात बोलने नहीं दी जाती थी. कई मंत्रियों, सांसदों और आरएसएस प्रमुख द्वारा सुनने को मिलता कि राष्ट्र निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब द्वारा लिखे गए संविधान को बदला जाएगा.
उन्होंने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की बात हो रही है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर संविधान की प्रतियों को जलाया गया. हम अपना हक मांगेंगे नहीं बल्कि छीन लेंगे.
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फुले ने कहा कि पिछले कई सालों से वह भारतीय संविधान और आरक्षण बचाने के लिए सामाजिक आंदोलन चला रही हैं जिससे समाज के पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज को सामाजिक न्याय मिल सके.
उन्होंने कहा कि वह कई सालों से संविधान में दिए गए आरक्षण को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग करती आ रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को चौकीदार नहीं बल्कि साझेदार कहा.
हाल ही में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी. भाजपा से इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि ‘चौकीदार की नाक के नीचे गरीबों का पैसा लूटा जा रहा है. भाजपा और आरएसएस समाज को बांटने व संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है.’
उत्तर प्रदेश के बहराइच लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की सांसद रहीं साध्वी सावित्री बाई फुले ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोला था.
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सांसद ने कहा, ‘चौकीदार की नाक के नीचे गरीबों का पैसा लूटा जा रहा है. भाजपा और आरएसएस के लोग समाज को बांटने के काम में लगे हैं और बाबा साहेब के लिखे संविधान के साथ छेड़छाड़ कर उसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. विकास पर ध्यान न देकर मूर्तियां बनवाई जा रही हैं और अल्पसंख्यक व अनुसूचित वर्ग को धोखा दिया जा रहा है. इसलिए वह बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं. लेकिन सांसद बनी रहूंगी.’
साध्वी सावित्री बाई फुले भाजपा के उन दलित सांसदों में शामिल हैं, जो भाजपा व केंद्र और राज्य सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाती रही हैं. अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी द्वारा हनुमान को दलित बताए जाने पर उन्होंने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘राम मनुवादी और शक्तिहीन थे. अगर शक्तिहीन न होते तो अब तक मंदिर बन गया होता. हनुमान दलित थे, इसीलिए उन्हें इंसान से बंदर बना दिया गया और मुंह पर कालिख पोती गई व पूंछ लगा दी गई थी.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)