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Sunday, 22 December, 2024
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लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता हुई बहाल, हत्या मामले में दोषी पाए जाने पर गई थी सदस्यता

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता हाई कोर्ट द्वारा एक आपराधिक मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद बहाल कर दी गई.

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नई दिल्ली: लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल पीपी की सदस्यता बहाल कर दी गई है. फैजल को एक हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, केरल हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

फैजल को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने और 10 साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद जनवरी में निचले सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता हाई कोर्ट द्वारा एक आपराधिक मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा बहाल कर दी गई.

लक्षद्वीप लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे फैजल ने सत्र अदालत के उक्त आदेश के खिलाफ केरल हाई कोर्ट का रुख किया था और उन्हें दोषी ठहराये जाने तथा सजा के फैसले को निलंबित कर दिया गया था.

लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना के अनुसार केरल हाई कोर्ट के 25 जनवरी 2023 के आदेश के अनुसार मोहम्मद फैजल पीपी की सदस्यता से अयोग्यता का फैसला समाप्त कर दिया गया है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले फैजल की सदस्यता बहाल करने का निर्णय आया है.

बता दें कि याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई की अनुमति दी थी.

फैजल ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि लोकसभा सचिवालय ने 13 जनवरी को जारी अधिसूचना को वापस नहीं लिया जिसमें उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया था.

फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में जनवरी 2023 में 10 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद निचले सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने उनकी सज को निलंबित कर दिया था.

बता दें की इससे पहले 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल, उनके भतीजे और अन्य के खिलाफ श्रीलंका की एक कंपनी को टूना मछली के निर्यात में कथित घोटाले सहित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया था.


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