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Thursday, 25 April, 2024
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मोदी चाहते हैं कि पूर्वोत्तर के BJP नेता केरल जाएं, और ‘ईसाइयों के लिए किए गए कार्यों’ के बारे में बताएं

केरल पर इस वजह से भी खासा जोर दिया जा रहा है क्योंकि राज्य में अपनी पैठ बनाने की भाजपा की कोशिशें अभी तक सफल नहीं हो पाई हैं. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ईसाइयों पर हमले के पीछे संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा को गैर-हिंदुओं के बीच पैठ बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के पार्टी नेताओं से कहा है कि वे केरल का दौरा करें और ‘ईसाई समुदाय के हितों की रक्षा के लिए पार्टी की तरफ से किए गए प्रयासों को लोगों के सामने लाएं.

हैदराबाद में रविवार को हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर में कई भाजपा नेता और पदाधिकारी ईसाई समुदाय से हैं और उन्हें दक्षिणी राज्य केरल जाकर कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए.

भाजपा नेताओं की तरफ से केरल पर जोर देने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि यह उन राज्यों में से एक है जहां पार्टी के अपनी पैठ बनाने के प्रयास अभी तक सफल नहीं हुए हैं.

केरल में माकपा के नेतृत्व वाली पिनराई विजयन सरकार राज्य में ईसाइयों के खिलाफ हमले के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराती रही है.

भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘सुझाव यह था कि केरल में सम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के ईसाई नेता भाग लें और लोगों को यह बताएं कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में क्या-क्या हुआ है और केरल में उनका क्या करने का इरादा है.’

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बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी के सहयोगियों को गैर-हिंदुओं के अन्य वंचित वर्गों तक पहुंचने की सलाह दी, जैसे पसमांदा मुस्लिम, जो कि विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं.

गैर-हिंदुओं के बीच पैठ बढ़ाने का आह्वान ऐसे समय पर किया गया है जब पिछले महीने ही उपचुनावों में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस साल के शुरू में राज्य में मुस्लिम बहुल वार्डों में भाजपा की जीत का हवाला देते हुए विकासोन्मुख दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की.

एक अन्य पार्टी नेता ने बताया, ‘सरमा ने जोर देकर कहा कि भाजपा मुस्लिम बहुल नगरपालिका वार्डों में जीती थी, जो यह दर्शाता है कि अगर वे वहां पार्टी को वोट दे सकते हैं, तो वे कहीं और भाजपा को वोट क्यों नहीं दे सकते? उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा ने आठ वर्षों में भाजपा सरकार की तरफ से किए गए विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया है और भविष्य में भी इस पर पूरा फोकस रहेगा.’

‘भाजपा सबके कल्याण में विश्वास करती है’

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव पर जल्द ही अमल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पहले ही ईसाई भाजपा नेताओं से एक योजना के साथ आगे आने को कह चुके हैं.

ऊपर उद्धृत भाजपा नेता ने कहा, ‘केरल की जनता को ये बताने और दिखाने की जरूरत है कि भाजपा सबके कल्याण में विश्वास रखती है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो. इस तरह के दौरे और लोगों से जुड़ने में मदद करेंगे.’

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईसाई समुदाय परंपरागत रूप से भाजपा का वोटर नहीं रहा है और यह कुछ ऐसी चीज है जिसे पार्टी ‘बदलना चाहती है.’

उन्होंने कहा, ‘इस बात को रेखांकित करने की कोशिश की जा रही है कि एक पार्टी के तौर पर हम अपने नेताओं के रूप में ईसाई आवाजों को जगह देते हैं और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उनके कल्याण के लिए कई नीतिगत फैसले लिए गए हैं.’

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा का फोकस विकास-नीत राजनीति है जहां ‘जाति, पंथ और धर्म से परे हटकर’ सभी को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है.

भाजपा नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे हम अपनी विकासोन्मुखी राजनीति के कारण चुनावी लाभ हासिल कर रहे हैं और सभी राज्यों को इसका पालन करना चाहिए.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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