नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों के एक समूह से कहा कि आपको 26 विपक्षी दलों के नवगठित गठबंधन को “इंडिया नहीं घमंडिया” या अहंकारी कहना चाहिए. उन्होंने उनसे यह भी कहा कि वे बारी-बारी से न बोलें या अनावश्यक विवाद पैदा न करें.
बीजेपी के एक नेता ने मोदी के हवाले से कहा, “कई बार मैं देखता हूं कि कुछ लोग चंद्रयान या उन चीज़ों पर भी ज्ञान देते हैं जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, सिर्फ इसलिए कि उनके सामने एक माइक है. किसी को हर विषय पर बोलने से बचना चाहिए और केवल उन्हीं विषयों पर बोलने तक सीमित रहना चाहिए जिन पर उसकी पकड़ है या पार्टी उससे ऐसा करने को कहती है.”
नेता ने कहा, प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज का उदाहरण दिया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे बहुत जानकार थीं, लेकिन उन्होंने खुद को अपने मंत्रालय से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने तक ही सीमित रखा और पार्टी लाइन का पालन किया.
भाजपा ने 10 अगस्त तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए अपने 430 एनडीए सांसदों (संसद के दोनों सदनों से) को 11 समूहों में विभाजित किया है.
गुरुवार को मोदी ने बिहार के सांसदों के साथ बैठक की और उसके बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सांसदों के साथ एक और बैठक की.
एक बैठक पार्लियामेंट एनेक्सी में और दूसरी नई दिल्ली के गरवी गुजरात परिसर में हुई और इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए.
बिहार के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “पीएम मोदी जी ने हम सभी से बिहार में जाति की राजनीति से ऊपर उठने और काम करने के लिए कहा है. उन्होंने हमसे समाज के सभी वर्गों का नेता बनने और जातिवादी राजनीति को खत्म करने को कहा. उन्होंने कहा कि हम जाति की राजनीति में शामिल नहीं होते हैं.”
बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कड़ा प्रहार किया, जो पिछले अगस्त में एनडीए से बाहर चले गए और अब विपक्षी दलों के भारत गठबंधन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. उक्त बीजेपी नेता ने मोदी के हवाले से कहा, “नीतीश कुमार को कम सीटें मिलने के बाद भी हमने उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनाया. इस बार भी कम सीटें मिलने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि वे इसके लायक नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. ये एनडीए के त्याग की भावना है. केवल एनडीए ही (देश को) स्थिर सरकार दे सकता है.”
बीजेपी के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सांसदों से केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिदिन कम से कम 25 शॉर्ट वीडियो साझा करने को भी कहा है.
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सांसदों के साथ दूसरी बैठक में मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि नेताओं को जनता, खासकर युवाओं तक पहुंचने के लिए अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति बढ़ानी चाहिए. बीजेपी नेता ने उनके हवाले से कहा, “हमने नौ साल तक जो किया वह ठीक है, लेकिन अब एक साल के लिए हमें जनता के बीच ज़मीन पर उतरना चाहिए और सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बात करनी चाहिए.”
प्रधानमंत्री ने आगे विपक्षी दलों के गठबंधन को अहंकारी लोगों का गठबंधन करार दिया. उन्होंने उपस्थित सांसदों से कहा, “उन्हें इंडिया मत कहो, बल्कि घमंडिया (अहंकारी) कहो.” मोदी ने विपक्षी मोर्चे की भी आलोचना करते हुए उन्हें भ्रष्टाचार का अड्डा बताया और सांसदों से केंद्र की उन योजनाओं को उजागर करने को कहा, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि इससे भारतीयों, खासकर समाज के गरीब तबकों के जीवन में बदलाव आया है.
प्रधानमंत्री ने एनडीए को “इंडिया के विपरीत” “बलिदान” पर बना गठबंधन करार दिया, जिसे उन्होंने “अवसरवादिता” के कारण बनाया है.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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