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Thursday, 19 December, 2024
होमचुनावमिजोरम विधानसभा चुनाव में 69.86% हुआ मतदान, मतगणना की तारीख बदलने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लालबियाकथंगा

मिजोरम विधानसभा चुनाव में 69.86% हुआ मतदान, मतगणना की तारीख बदलने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लालबियाकथंगा

2018 के विधानसभा चुनावों में, मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने 37.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 26 सीटें हासिल कर 10 साल पुरानी कांग्रेस सरकार को हराकर सत्ता में आई थी.

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग के अनुसार मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक करीब 69.86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

मिजोरम में कुल 8.57 लाख मतदाता चुनाव में वोट करने के पात्र हैं. अधिकारियों ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहेगा.

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मतदान के शुरुआती छह घंटों में 52.73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, मिजोरम के 11 जिलों में सेरचिप में सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया.

अधिकारियों के मुताबिक, दोपहर एक बजे तक सेरचिप में 60.37 प्रतिशत, खौझौल में 60.20 प्रतिशत और लॉन्गतलाई में 59.31 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया.

राज्य के 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे. इनमें 4.39 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. मिजोरम के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने बताया कि मतदान ‘‘शांतिपूर्ण चल रहा है और अभी तक कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में कोई दिक्कत नहीं है.’’

सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 23 सीट पर चुनाव लड़ रही है और आम आदमी पार्टी (आप) ने चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. इसके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार हैं.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आइजोल में एक मतदान केंद्र में ईवीएम में तकनीकी खामी की खबर आयी, जहां मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने वोट डाला है.

मतगणना की तारीख बदलने की मांग

वहीं साथ ही मिजोरम के 65 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मतगणना की तिथि बदलने करने की मांग पर निर्वाचन आयोग की ‘चुप्पी’ के खिलाफ मंगलवार को अनशन किया.

निर्वाचन आयोग ने मतगणना का दिन तीन दिसंबर यानी रविवार तय किया है. ईसाई-बहुल राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से मतगणना की तिथि बदलने का आग्रह किया है क्योंकि रविवार को गिरजाघर के कार्यक्रम होते हैं.

लालबियाकथंगा ने निर्वाचन आयोग को भी इस मांग को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने अनशन के साथ अपना विरोध जताने के लिए मतदान का दिन चुना. वह आइजोल के मध्य में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सभागार ‘वनपा हॉल’ के सामने जा बैठे.

लालबियाकथंगा को ‘वॉक-ए-थॉन मैन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता के लिए कई बार सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा की है.

लालबियाकथंगा ने इस साल मई में आइजोल से मणिपुर के चुराचांदपुर तक 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने के लिए 10 दिनों तक पदयात्रा की थी. उन्होंने यह पदयात्रा जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए की थी.

CM ने डाला अपना वोट

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आइजोल उत्तर-द्वितीय विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आइजोल में एक मतदान केंद्र में ईवीएम में तकनीकी खामी की खबर आयी, जहां मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने वोट डाला है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सुबह रामलुन वेंगलई प्राइमरी स्कूल में बने मतदान केंद्र में गए लेकिन उस समय ईवीएम काम नहीं कर रही थी. इसलिए वह घर लौट गए और वोट डालने सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर फिर आए.’’

EVM खराब होने की वजह से CM नहीं डाल पाए थे अपना वोट

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आइजोल उत्तर-द्वितीय विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 19-आइजोल वेंगलाई-I वाईएमए हॉल मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने पहुंचे लेकिन मशीन खराब होने के कारण वह वोट नहीं डाल सके.

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “मशीन काम नहीं कर रही थी तो मैंने कहा कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करूंगा और उसके बाद मतदान करूंगा.”

मिजोरम कांग्रेस प्रमुख लालसावता ने आइजोल के मिशन वेंगथलांग में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला.

उन्होंने आगे कहा कि, “सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि हम इससे ज्यादा सीटें हासिल कर पाएंगे. मेरा मानना है कि हमारे पास बहुमत होगा.”

साथ ही मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने आइजोल दक्षिण-II में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला.

मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने कहा कि, “मैं मिजोरम के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे मतदान करें और चुनाव में भाग लें और लोकतंत्र को मजबूत करें. मुझे लगता है कि मिजोरम में लोग अपने अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं.”

सीईओ मिजोरम के अनुसार, मिजोरम में कुल मतदाताओं की संख्या 8,51,895 है. जिनमें से 4,12,969 पुरुष, 4,38,925 महिला और 1(एक) थर्ड जेंडर हैं. मिजोरम में कुल 4,973 सर्विस वोटर हैं.

पहली बार वोट देने वाले मतदाता जिनकी आयु 18-19 वर्ष है, उनकी संख्या 50,611 है. मिजोरम में मतदाताओं का सेक्स रेश्यो 1,063 है. चुनावी जनसंख्या (ईपी) अनुपात 63.27 है. मतदान केंद्रों की कुल संख्या 1276 है, जिनमें से 525 शहरी क्षेत्रों में और 751 ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं.

40 सदस्यीय राज्य विधानसभा एकमात्र चुनावी राज्य है जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्राथमिक दावेदार नहीं हैं.

2018 के विधानसभा चुनावों में, मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने 37.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 26 सीटें हासिल कीं और 10 साल पुरानी कांग्रेस सरकार को हराकर विजयी हुई.

2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पांच सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को एक सीट मिली, जिसने उत्तर-पूर्वी राज्य में अपनी पहली सीट हासिल की.


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