नई दिल्ली: कोरोना महामारी से जारी लड़ाई के मद्देनजर 23 मार्च से लगे देशव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण धीरे धीरे अनलॉक किया जा रहा है. पीएम मोदी ने मन की बात में अपना फोकस इसी बात पर रखा कि कैसे छोटे उद्योगों को शुरू किया जाए और कैसे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए.
अपनी बात शुरू करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब पिछली बार उनकी जनता से बात हुई थी तब पैसेंजर ट्रेनें बंद थीं, एयर सेवा भी बंद थी. लेकिन अब बहुत कुछ खुल चुका है मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेनें शुरू की जा चुकी हैं. कई स्पेशल ट्रेनें भी चालू की गई हैं. इसके अलावा हवाई यात्रा और लघु उद्योगों को खोलना शुरू किया गया है. जब इतने स्तर पर चीजों की शुरुआत हो चुकी है तो हमें और भी सतर्क रहना पड़ेगा.
पीएम ने आज की मन की बात में मजदूर वर्ग पर भी बात की. प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक हादसों और श्रमिक ट्रेनों में हुई मौतें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं.
पीएम मोदी ने उनकी पीड़ा को लेकर कहा, ‘हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है. उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती.’
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मजबूत संकल्प शक्ति
वो आगे जोड़ते हैं, ‘जो नुकसान हुआ है उसका दुख सबको है. लेकिन जिसको बचा पाए हैं वो हमारी सामूहिक संकल्प शक्ति का परिणाम है. ये पूरी मुहीम पीपल ड्रीवन है. सबसे बड़ी ताकत है- देशवासियों की सेवा शक्ति. सेवा और त्याग का हमारा विचार हमारा आदर्श नहीं बल्कि हमारी जीवन जीने की शैली है. सेवा में ही संतोष है.’
इसके बाद पीएम मोदी देश के कई व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए लोगों को सेवा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वो तमिलनाडू में एक सैलून चलाने वाले सी मोहन का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि मोहन ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए पांच लाख रुपए बचाए हुए थे लेकिन इस महामारी के दौरान उन्होंने सारी पूंजी जरूरतमंदों की सेवा में लगा दी. इसके अलावा उन्होंने आसाम में ठेला चलाने वाले एक व्यक्ति के माध्यम से देश की जनता को सेवा करने के लिए प्रेरित किया.
हालांकि, इस बीच पीएम मोदी ने सरकार के प्रयासों पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फ़ैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला.’
वो आगे जोड़ते हैं, ‘हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी और मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है. मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है. सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है. रेलवे के कर्मचारियों का जिक्र करना भी जरूरी है.’
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार के वकील तुषार मेहता ने मीडिया कर्मियों की वल्चर की तरह बताया था. जिसके बाद उनके बयान की चौतरफा आलोचना हुई. आज पीएम मोदी ने अपनी मन की बात में मीडिया कर्मियों को भी जिक्र किया.
सामाजिक संस्थान और महिलाओं का अहम योगदान
फ्रंट पर लड़ाई लड़ रहीं सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के प्रयासों का भी पीएम मोदी ने खास जिक्र किया. वो कहते हैं, ‘देश के सभी इलाकों से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं. गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं. तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं.’
इस बीच पीएम मोदी इनोवेशन को प्रमोट करने की बात नहीं भूलते. उन्होंने गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्ट अप तक, नए तरीके इज़ाद करने वालों की भी तारीफ की. वो कहते हैं, ‘मैं सोशल मीडिया में कई तस्वीरें देख रहा था. कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए, दुकान में बड़े पाइपलाइन लगा लिए हैं, जिसमें, एक छोर से वो ऊपर से सामान डालते हैं, और दूसरी छोर से ग्राहक अपना सामान ले लेते हैं.’
योग दिवस की दिलाई याद
आखिरी में उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर किए जा रहे अलग प्रयास की भी सराहना की और लोगों से अपील की कि इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जाए.
कोरोना काल में योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा,’आज भी योग अहम है. क्योंकि ये वायरस हमारे श्वास तंत्र को सबसे अधिक प्रभावित करता है. योग में तो श्वास तंत्र को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं. ये टाइम टेस्टेड तकनीक है.’
अपने संबोधन के आखिरी में उन्होंने कोरोना की लड़ाई को एक लंबी लड़ाई बताया और कहा कि पूरी दुनिया के पास इसका कोई इलाज नहीं है. ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं