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Friday, 22 November, 2024
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ममता ने भवानीपुर उपचुनाव 58 हजार से अधिक मतों से जीता, कहा- केंद्र ने हमें सत्ता से हटाने की कोशिश की

17वें चरण की मतगणना के बाद आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट से टीएमसी की उम्मीदवार बनर्जी को 67,620 वोट करीबी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल को 21,882 मत जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के श्रीजीब बिस्वास को 2,896 मत मिले हैं.

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत पक्की की है. रविवार दोपहर को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी आखिरी राउंड की गिनती में भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल से 58,389 मतों से आगे चल रही थी. उन्होंने 58,832 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया है.

17वें चरण की मतगणना के बाद आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट से टीएमसी की उम्मीदवार बनर्जी को 67,620 वोट मिले हैं. उनकी करीबी प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रियंका टिबरेवाल को 21,882 मत जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के श्रीजीब बिस्वास को 2,896 मत मिले हैं.

बनर्जी ने कहा जब से बंगाल में चुनाव शुरू हुए, केंद्र सरकार ने हमें तब से (सत्ता से) हटाने की साजिश रची. मेरे पैर में चोट लगी ताकि मैं चुनाव न लडूं. 6 महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए और लोगों का मुझे वोट देने के लिए मैं उनकी आभारी हूं.

बनर्जी ने कहा यहां (भवानीपुर में) लगभग 46% लोग गैर-बंगाली हैं. उन सभी ने मुझे वोट दिया है. पश्चिम बंगाल के लोग भवानीपुर देख रहे हैं, जिसने मुझे प्रेरित किया है.

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मुर्शिदाबाद की समसेरगंज और जांगीपुर सीटों पर भी आगे चल रही थी. इन दोनों विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए भी मतगणना चल रही है.

भवानीपुर में कुल 21 चरणों में मतगणना होगी. बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी था, जो अब पक्की हो गई है.

समसेरगंज में टीएमसी उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम पांचवें चरण की मतगणना के बाद 3,768 मतों से आगे चल रहे हैं. उन्हें 19,751 मत मिले हैं जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जैदुर रहमान को 15,983 मत मिले हैं.

जांगीपुर में टीएमसी प्रत्याशी जाकिर हुसैन 15,643 मतों से आगे चल रहे हैं. हुसैन को अब तक 25,572 मत मिले और उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सुजीत दास को 9,929 मत मिले हैं. इन सीटों पर मतदान 30 सितंबर को हुआ था.

बनर्जी के भारी बढ़त हासिल करने की खबरें मिलने के बाद टीएमसी समर्थक जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए. वहीं, भाजपा और माकपा के प्रदेश कार्यालयों में वीरानी छायी रही.

इस बीच, निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव बाद हिंसा की किसी भी घटना के बचने के लिए विजयी जश्न समारोह और जुलूस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

टिबरेवाल ने शनिवार रात को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को पत्र लिखकर उनसे चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा की किसी तरह की घटना को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाने का पुलिस को आदेश देने का अनुरोध किया था.

विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम सीट से बनर्जी के हारने के बाद राज्य के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली कर दी थी ताकि बनर्जी इस सीट से जीत हासिल कर विधानसभा में लौट सकें.

बता दें इसी साल पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे. ममता बनर्जी के क़रीबी शुभेंदु अधिकारी उनकी सरकार में परिवहन मंत्री थे. 27 नवंबर 2020 को शुभेंदु अपने मंत्री पद से यह कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था कि टीएमसी में रहकर काम करना मुश्किल हो रहा है. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ नाता जोड़ लिया था. बीजेपी ने शुभेंदु को ममता के ख़िलाफ़ नंदीग्राम विधानसभा सीट से उतारा.

कड़ी टक्कर के बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से 1,957 वोटों से हार गईं थीं.
इस बीच, कई भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के आधिकारिक रूप से परिणाम घोषित करने से पहले ही ट्वीट कर शुभेंदु को 1,600 से अधिक वोटों से जीत हासिल करने के लिए बधाई दी थी.

जिसके के बाद बनर्जी ने ‘कुछ शरारत’ का आरोप लगाते हुए नंदीग्राम में दोबारा वोटों की गिनती करने के मांग की और परिणाम के ख़िलाफ़ कोर्ट जाने की बात कही.

उन्होंने एक बयान में कहा था ‘जैसे एक निर्वाचन क्षेत्र ने फैसला दिया है वो पूरी तरह से राज्य के लोगों के जनादेश के खिलाफ है? वहां उन्होंने कुछ इंतजाम किया. मेरे लोग मुझे बता रहे हैं. मैं वहां परिणामों के खिलाफ अदालत का रुख करूंगी’

ममता ने अपनी हार स्वीकार करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था ‘नंदीग्राम में चुनाव आयोग द्वारा एक शरारत की गई है. हम अदालत जाएंगे क्योंकि लोगों ने चुनाव आयोग की दहशत देखी है. सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में बंगाल के लोगों का फैसला अलग कैसे हो सकता है?’

ममता ने अदालत का रुख किया है, और मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में हैं.

वहीं विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी जबकि टीएमसी ने 213 सीटों पर जीत हासिल की थी और ममता बनर्जी चुनाव हारने के बावजूद तीसरी बार सीएम बनी थीं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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