कोलकाता: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और विपक्षी दल 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने के लिए कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीजेपी से लड़ने की इच्छा रखने सभी राजनीतिक पार्टियों को साथ आना चाहिए. कांग्रेस अपनी विश्वसनीयता खो रही है. हम कांग्रेस पर निर्भर नहीं रह सकते. अगर कांग्रेस चाहती है कि हम सभी (2024 का जनरल चुनाव) साथ लड़ सकते हैं. अभीआक्रामक नहीं होना है, सकारात्मक रहें. यह जीत (4 राज्यों के चुनावी जीत) बीजेपी के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होगा. उनका यह कहना कि 2022 के चुनाव परिणाम 2024 के चुनावों का भाग्य तय करेंगे, अव्यावहारिक है.’
बनर्जी की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को यह कहने की पृष्ठभूमि में आई है कि चार राज्यों के चुनावी फैसले ने 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजे तय करेंगे.
पीएम मोदी ने दिल्ली में बीजेपी हेडक्वाटर्स से कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान यह बातें कही थी, ‘जब हमने 2019 में (केंद्र में) सरकार बनाया था, तो विशेषज्ञों ने इसे 2017 में यूपी चुनाव की जीत की वजह बताया था. मुझे मानना है के ‘विशेषज्ञ’ वैसा ही कहेंगे कि 2022 का चुनाव परिणाम 2024 राष्ट्रीय चुनाव का भाग्य तय करेंगे.’
वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गोवा विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोलने में नाकाम रही, बनर्जी ने कहा, ‘टीएमसी ने गोवा में महज 3 महीने की में पार्टी के लांच के भीतर चुनाव में 6 प्रतिशत वोट हासिल किया है. यह काफी है.’
टीएमसी सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा की जीत लोकलुभावन नहीं बल्कि चुनावी मशीनरी की है.
बनर्जी ने कहा, ‘ईवीएम की लूट और गड़बड़ी हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को निराश नहीं होना चाहिए और उन ईवीएम मशीनों के फॉरेंसिक टेस्ट की मांग करनी चाहिए. अखिलेश यादव का वोट प्रतिशत इस बार 20 प्रतिशत से बढ़कर 37 प्रतिशत हो गया.’
ममता बनर्जी की यह टिप्पणी पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के एक दिन बाद आई है, जहां भाजपा ने चार राज्यों को बरकरार रखते हुए अपनी चुनावी शक्ति का प्रदर्शन किया.
पार्टी ने उत्तर प्रदेश को लगातार दूसरी बार जीतकर नए कीर्तिमान स्थापित किए. इसके अलावा, यह उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी सत्ता बनाए रखने में कामयाब रही.
पांच विधानसभा चुनावों के परिणाम कांग्रेस के लिए एक झटके के रूप में आए, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी संभावनाओं को पुनर्जीवित करने और आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस से उभरती चुनौती, देश में भाजपा विरोधी राजनीति के आधार के रूप में खुद को बचाने लिए अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही थी.