मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को पूरे देश में लोकप्रिय बनाने के लिए महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य के बाहर मराठा योद्धा राजा को समर्पित स्मारक और संग्रहालय बनाने का फैसला किया है और इस तरह की अपनी पहली परियोजना के लिए आगरा को चुना है.
महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं. तीनों ही अपनी राजनीति में छत्रपति शिवाजी को अपना आदर्श मानते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के आगरा में मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी को नजरबंद रखा था. वे वहां से कैसे भागे, यह महाराष्ट्र में प्रचलित एक कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने बीमारी का बहाना बनाकर साधु-संतों को फलों और अन्य दान की टोकरियां बांटनी शुरू कर दीं. कुछ समय बाद, सुरक्षा गार्डों ने टोकरी में रखी चीज़ों की जांच करने में लापरवाही बरती. छत्रपति शिवाजी ने मौके का फायदा उठाया और खुद को एक टोकरी में छिपा लिया, जबकि उनके बेटे संभाजी दूसरी टोकरी में छिप गए और भाग निकले.
अब, महाराष्ट्र पर्यटन विभाग उस भूमि का अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है, जहां शिवाजी को नज़रबंद रखा गया था और वहां एक “भव्य स्मारक” बनाने की योजना बना रहा है, राज्य पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा.
“जब वे आगरा आते हैं, तो मराठी पर्यटक उस स्थान को देखना चाहते हैं जहां शिवाजी महाराज को नज़रबंद रखा गया था. लेकिन अभी तक इस स्थान पर कोई जानकारी, स्मारक या कुछ भी नहीं है. पर्यटक इस स्थल को ठीक से समझ नहीं पाते हैं,” अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाहर कई ऐसे स्थान हैं जो मराठा इतिहास में अहम हैं, लेकिन वहां जानकारी की कमी के कारण ये सभी बहुत प्रसिद्ध नहीं हैं. “महाराष्ट्र सरकार ने जानबूझकर अन्य राज्यों में भी ऐसे स्थानों को विकसित करने का फैसला किया है.”
दिप्रिंट ने पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव जयश्री भोज से कॉल और टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए टिप्पणी मांगी. जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
आगरा स्मारक
पर्यटन विभाग ने परियोजना के लिए एक वास्तुशिल्प सलाहकार के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. सलाहकार को स्मारक के सटीक स्थल और परियोजना के लिए राज्य सरकार को आवश्यक अतिरिक्त भूमि की पहचान करनी होगी.
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार महाराष्ट्र सरकार को उसके प्रयास में मदद करेगी, लेकिन भूमि का अधिग्रहण राज्य (महाराष्ट्र) के अपने धन का उपयोग करके किया जाएगा.
निविदा दस्तावेजों के अनुसार, स्मारक में एक संग्रहालय, ऑडियो विजुअल तत्व, मराठा साम्राज्य पर वृत्तचित्र, छत्रपति शिवाजी की एक मूर्ति आदि शामिल होंगे.
विभाग शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई के नेतृत्व में इतिहासकारों और मराठा साम्राज्य के गहन ज्ञान वाले व्यक्तियों की एक विशेष समिति स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो परियोजना को आगे बढ़ाएगी.
गौरतलब है कि मराठी धारावाहिक राजश्री शाहू में शाहू महाराज की भूमिका निभाने के लिए मशहूर मराठी अभिनेता राहुल सोलापुरकर ने फरवरी में एक पॉडकास्ट में शिवाजी के आगरा किले से भागने के बारे में कुछ टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भागने के लिए उन्होंने औरंगजेब के अधिकारियों को रिश्वत दी थी.
उनकी टिप्पणी से हंगामा मच गया था, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आज़मी की औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली टिप्पणी सहित कई घटनाओं ने इसे और हवा दे दी थी.
अगले कुछ दिनों में विवाद और बढ़ गया और इसने और तूल पकड़ लिया, जिसके कारण छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग उठने लगी और नागपुर में एक रात हिंसा हुई.
छत्रपति शिवाजी थीम पर आधारित विशेष रेल यात्रा
इसके अलावा, केंद्र सरकार छत्रपति शिवाजी थीम पर आधारित एक विशेष रेलवे यात्रा शुरू करने की योजना बना रही है, जो दिल्ली से शुरू होगी और पुणे, रायगढ़, नासिक, शिरडी और छत्रपति संभाजीनगर जैसे मराठा इतिहास में प्रमुखता से शामिल स्थानों को कवर करेगी.
यह यात्रा 10 दिनों तक चलेगी और 16 जुलाई को शुरू होगी. मराठा इतिहास में महत्वपूर्ण स्थानों के अलावा, यह महाराष्ट्र के अन्य सांस्कृतिक और तीर्थ स्थलों को भी कवर करेगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद देते हुए लिखा, “यह पहल एक यात्रा नहीं है. यह वीरता, महाराष्ट्रीयन संस्कृति, मराठा साम्राज्य की कालातीत विरासत और प्राचीन विरासत तीर्थ स्थलों पर आशीर्वाद लेने के लिए एक श्रद्धांजलि है.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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