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Friday, 22 November, 2024
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महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, नए सिरे से राजनीति शुरू

महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए समय नहीं दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दी है.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. राजभवन की तरफ से आए बयान में यह बात कही गई है. संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है.

कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्वीट किये गये एक बयान के अनुसार, ‘वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, (और इसलिए) संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान के अनुसार आज एक रिपोर्ट सौंपी गई है.’

अनुच्छेद 356 को जिसे आमतौर पर राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है और यह ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ से संबंधित है.

महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए समय नहीं दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दी है. सुनील फर्नांडीज ने कोर्ट में याचिका दायर की है.

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा, ‘माननीय राज्यपाल ने आराम से भाजपा को सरकार के गठन में सभी संभव प्रयास करने के लिए 14 दिनों से अधिक का समय दिया, लेकिन अन्य दलों को 48 घंटे भी नहीं दे सके. राज्यपाल को ‘संविधान के सेवक’ के रूप में कार्य करना चाहिए न कि राजनीतिक एजेंट के रूप में.’

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर स्थिति अभी तक कुछ साफ होती नहीं दिख रही है. चुनाव के नतीजे आए हुए कई दिन हो चुके हैं लेकिन सरकार किसकी बनेगी यह साफ नहीं हो सका है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मंगलवार को हुई एनसीपी की बैठक में सभी 54 विधायक शामिल हुए. बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य में चल रही अनिश्चितता पर शरद पवार ही फैसला लेंगे. इसके लिए एक कमिटी बनाई जाएगी जिसकी अध्यक्षता पवार करेंगे.

मलिक ने कहा, ‘राज्यपाल ने सोमवार को हमें बुलाया था और सरकार बनाने के लिए मंगलवार शाम 8:30 तक का समय दिया गया. हमारी इस संबंध में आज शाम 5 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक है. बातचीत के बाद आगे कोई फैसला लिया जाएगा.’

मलिक ने कहा, ‘पार्टी का मानना है कि राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बिना वैकल्पिक सरकार नहीं बन सकती है. अगर ये तीनों पार्टियां एक साथ नहीं आती है तो महाराष्ट्र में स्थिर सरकार नहीं बन सकती.’

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा था कि अगर महाराष्ट्र में गवर्नर राष्ट्रपति शासन लागू करते हैं तो शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है. उद्धव ठाकरे ने इस बारे में कपिल सिब्बल और अहमद पटेल से बात की.

 

कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के लेट होने को कोई सवाल ही नहीं है. हम शुरू से ही इसपर नज़र बनाए हुए हैं. एनसीपी हमारी सहयोगी है, जो भी फैसला लिया जाएगा दोनों के सहयोग से होगा.

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