भोपाल: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले बीजेपी विधायक तुलसीराम सिलावट, प्रधुम्न सिंह तोमर और गोविंद सिंह राजपूत को मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट में जगह मिली है.
2020 में सिंधिया द्वारा कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद, उनके साथ भाजपा में शामिल हुए 22 विधायकों में से 11 को मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इन 11 मंत्रियों में से सात राज्य कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री थे.
नाथ कैबिनेट में छह मंत्री थे जो पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज सिंधिया के करीबी माने जाते थे.
सिलावट, तोमर और राजपूत, जो विधानसभा में सांवेर, ग्वालियर पूर्व और सुरखी का प्रतिनिधित्व करते हैं, सोमवार को नई भाजपा सरकार में शामिल किए गए 28 मंत्रियों में से थे.
इस बार चुनाव लड़ने वाले 18 सिंधिया वफादारों में से 10 जीते और आठ हार गए. 15 महीने तक चली कांग्रेस सरकार में मंत्री पद संभालने वाले सिंधिया खेमे के छह चेहरों में सिलावट, तोमर और राजपूत भी शामिल थे.
इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी नाथ कैबिनेट में अन्य तीन सिंधिया वफादार थे. जबकि देवी और सिसौदिया इस बार हार गए, चौधरी जीते तो सही लेकिन मोहन यादव कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए.
देवी कांग्रेस शासन में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं, यह प्रभार उन्होंने भाजपा में शामिल होने के बाद नवंबर 2020 के विधानसभा उपचुनाव में हारने तक बरकरार रखा.
चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में, सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर-चंबल बेल्ट से 11 मंत्री थे. उन 11 में से आठ ने 2023 में जीत हासिल की, जिनमें से चार मंत्री बने. लेकिन तोमर को छोड़कर बाकी तीन मंत्री ऐदल सिंह, नारायण सिंह कुशवाह, राकेश शुक्ला जो इस क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं, वे सिंधिया खेमे के नहीं हैं. महाकौशल से चार मंत्री हैं.
वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने कहा कि मंत्री पद के चेहरों को “सामाजिक संतुलन और सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व” को ध्यान में रखते हुए चुना गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने भोपाल में कहा, ”मंत्रिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विश्वास के दृष्टिकोण को दर्शाता है.”
उज्जैन स्थित एमपी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के निदेशक प्रोफेसर यतींद्र सिसौदिया ने कहा कि भाजपा ने कैबिनेट में ओबीसी और आदिवासी समुदायों को बड़ा प्रतिनिधित्व दिया है. कैबिनेट में आदिवासी चेहरों में कुवंर विजय शाह, निर्मला भूरिया, संपतिया उइके शामिल हैं, जबकि अगड़ी जाति के मंत्रियों की संख्या छह है.
सिसोदिया ने कहा, “यह कुछ नया है जहां भाजपा ने जाति और क्षेत्रीय समीकरण को बहुत प्रभावी ढंग से संभाला है और 13 नए चेहरे और पांच महिला मंत्रियों को शामिल किया है. उन्होंने क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाने के लिए इंदौर में उषा ठाकुर, सागर में भूपेन्द्र सिंह और गोपाल भार्गव और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के चार मंत्रियों को भी हटा दिया है.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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