नई दिल्ली : यूपी में महागठबंधन 78 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. अधिकतर सीटों पर मुकाबला भाजपा बनाम महागठबंधन है. कांग्रेस कई सीटों पर वोट कटवा की भूमिका में है. कुछ सीटों पर कांग्रेस सपा-बसपा को फायदा पहुंचा सकती है तो कुछ पर नुकसान कर रही है.
80 लोकसभा सीट वाले उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर परचम फहराने को तैयार है. दोपहर तक आए रुझानों में भाजपा- 50 सीटों पर, सपा-बसपा की महागठबंधन 29 सीटों पर और कांग्रेस महज एक सीट पर आगे चल रही है. यानी कांग्रेस एकबार फिर यहां बुरी तरह पिछड़ती हुई नजर आ रही है.यानी प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी का जादू एक बार फिर यूपी में नहीं चल सका है.
80 लोकसभा सीट वाले उत्तरप्रदेश में 2014 में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. बीजेपी को 71 सीटें मिली थीं और उसकी सहयोगी अपना दल को 2 सीटें मिली थीं. कुल 73 सीटें एनडीए ने जीती थीं. हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ लेकिन बीजेपी ने महागठबंधन को झटका देते हुए काफी सीटें हासिल कर ली हैं.
जिन सीटों पर कांग्रेस ने किया गठबंधन का नुकसान
सहारनपुर- महागठबंधन ने भी इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था. इस कारण मुस्लिम वोट यहां बंटे लेकिन महागठबंधन बढ़त में रही.
मुरादाबाद- कांग्रेस ने यहां मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा. इस सीट पर महागठबंधन ने भी मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था. इस कारण मुस्लिम वोट यहां बंट गए
संत कबीरनगर- कांग्रेस ने यहां भाल चंद यादव को उतारा जिससे सपा-बसपा के परंपरागत यादव वोटबैंक में नुकसान हुआ
भदोही- कांग्रस ने यहां रमाकांत यादव को उतारा जिससे सपा-बसपा के परंपरागत यादव वोटबैंक में नुकसान हुआ
देवरिया, सीतापुर,खीरी – कांग्रेस ने तीन सीटो पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जिससे महागठबंधन को काफी नुकसान हुआ.
प्रियंका फैक्टर का नहीं हुआ विशेष असर
चुनाव से ठीक पहले प्रियंका गांधी की राजनीति में आधिकारिक एंट्री ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश को बढ़ाया लेकिन इसका असर नतीजों पर नहीं पड़ा. प्रियंका ने यूपी में दो दर्जन से अधिक रैलियां की लेकिन कोई कांग्रेस का कोई विशेष लाभ नहीं हुआ. रायबरेली, अमेठी, धौरहरा, कानपुर, उन्नाव, फतेहपुर सीकरी सीट समेत एक दर्जन सीटें छोड़कर बाकि सभी सीटों पर कांग्रेस वोट कटवा की भूमिका में ही नजर आई. यहां तक की एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी ने भी माना की यूपी में अधिकांश सीटों पर कांग्रेस वोट कटवा की भूमिका में ही है.