नई दिल्ली: भाजपा के एक विधायक ने गुरुवार को लिव-इन रिलेशनशिप की तुलना एक “घातक बीमारी” से की और केंद्र सरकार से ऐसे बंधनों के खिलाफ एक कानून लाने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि “भारतीय संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं.”
हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि यह “बीमारी” समाज में नफरत और बुराई भी फैला रही है.
बहुत जरूरी सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए, सिंह ने कहा: “दुनिया हमें जिस सभ्यता और संस्कृति के लिए जानती है, अगर यही हाल रहा तो हमारी संस्कृति दम तोड़ देगी और उनके (पश्चिम) और हमारे बीच में कोई फ़र्क नहीं रहेगा.”
सिंह ने आफताब पूनावाला के मामले का हवाला दिया, जिस पर पिछले साल अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या का आरोप लगा है और कहा कि हाल के दिनों में इस तरह की हिंसा की खबरें अधिक आ रही हैं. सिंह ने कहा, ”यह लिव-इन रिलेशनशिप का नतीजा है.”
सिंह ने प्रेम विवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसकी वजह से ही हाल के दिनों में अधिक तलाक देखने को मिलने रहे हैं.
दूसरी ओर, सांसद का मानना था कि अरेंज मैरिज में “तलाक की दर बहुत कम” होती है.
उन्होंने इसके लिए भारत में दशकों से चली आ रही “अरेंज मैरिज की संस्कृति” को जिम्मेदार ठहराया, जो उन्हें लगा कि यह अधिक प्रचलित है और इसे माता-पिता और परिवार के सदस्यों का आशीर्वाद प्राप्त है. सिंह ने कहा, “इस प्रथा में दूल्हा और दुल्हन दोनों की सहमति भी ली जाती है.” उन्होंने सुझाव दिया कि प्रेम विवाह में भी माता-पिता की सहमति सर्वोपरि है.
सिंह को यह जानकर खुशी हुई कि भारत में तलाक की दर अमेरिका की 40 प्रतिशत की तुलना में केवल एक प्रतिशत है, लेकिन निराशा हुई कि प्रेम विवाह जल्द ही इस “आंकड़े ” को कम कर देगा.
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