नई दिल्ली : कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हमले की आशंका के लेकर जारी की गई अडवाइजरी के बाद से लगातार राज्य में सैन्य हलचल बढ़ रही है. इसको लेकर रविवार को श्रीनगर के एक होटल में बुलाई गई राजनीतिक दलों की मीटिंग रद्द किए जाने के बाद सभी दल चर्चा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर जुटे. इसके बाद अब वे नेशनल कांफ्रेंस के चीफ डॉ. फारूख अब्दुल्ला के घर पर बैठक कर रहे हैं.
Srinagar: Leaders of political parties of Jammu and Kashmir gather at the residence of National Conference leader Farooq Abdullah's residence for an All Party meet. pic.twitter.com/rJr76jDMsH
— ANI (@ANI) August 4, 2019
इससे पहले होटल की मीटिंग रद्द किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि हाल के घटनाक्रमों से राज्य में घबराहट का माहौल है. सरकार इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कर रही है. रविवार को अडवायजरी जारी कर होटल में सभी पार्टियों की मीटिंग पुलिस ने रद्द करा दी है.
उन्होंने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों ने रविवार को श्रीनगर के एक होटल में बैठक करने का फैसला लिया था. इसी बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सभी होटलों के लिए एक अडवाइजरी जारी कर कहा कि कोई भी होटल अपने यहां किसी राजनीतिक बैठक को नहीं होने देगा. महबूबा ने कहा कि ऐसे हालात में अब हम यह बैठक अपने आवास पर रविवार को ही शाम 6 बजे करेंगे.
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘हमने इस देश के लोगों को समझाने का प्रयास किया था कि अगर 35ए या 370 से छेड़छाड़ करेंगे तो इसके परिणाम भुगतने होंगे. हमने अपील भी की है, लेकिन केंद्र की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है. वो ये भी नहीं कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा.
जम्मू-कश्मीर में जारी हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में घबराहट का माहौल है. महबूबा ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां आफत टूट पड़ी है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में क्या होने वाला कोई नहीं बता रहा. इस दौरान मुफ्ती ने यह भी आरोप लगाया कि रविवार शाम एक होटल में सभी राजनीतिक दलों ने बैठक बुलाई थी, लेकिन पुलिस ने बुकिंग रद्द करा दी है.
उधर, सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट की अचानक मीटिंग होने वाली है. खास बात यह है कि मोदी मंत्रिमंडल की मीटिंग आमतौर पर बुधवार को होती है.
जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में अतिरिक्त अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती और एक के बाद अडवाइजरी जारी किए जाने से लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसी परिप्रेक्ष्य में कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और धारा 35ए को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह सचिव संग बैठक की
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. राज्य में भारी संख्या में की गई सुरक्षाबलों की तैनाती ने आशंकाओं और तनावों को जन्म दिया है. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आतंरिक सुरक्षा और जम्मू एवं कश्मीर के हालातों पर चर्चा की, जहां आतंकवादी हमलों की आशंका के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है.
सरकार ने अडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द राज्य छोड़ दें.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हमला किए जाने की योजना की सूचना मिलने और इन आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी के बारे में शाह ने बैठक में चर्चा की.
अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हुई थी. इसका समापन 15 अगस्त को होना था, लेकिन इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है.
एक सूत्र ने बताया कि गृहमंत्री शाह जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा की कथित तौर पर योजना बना रहे है.
गृहमंत्री को सीमा के हालात से अवगत कराया गया है, जहां भारतीय बलों ने 31 जुलाई और एक अगसत की दरम्यानी रात उस समय कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया, जब उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश की थी.
गृहमंत्री की बैठक और अमरनाथ यात्रा को शुक्रवार को अचानक समाप्त करना और सुरक्षा बलों की तैनाती से जम्मू एवं कश्मीर में मोदी सरकार के अगले कदम के बारे में एक और दौर की कयासबाजी शुरू हो गई है.
राज्य के निवासियों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को पहले ही समाप्त करने से कश्मीर घाटी में अफरातफरी का माहौल है, और लोग बुरी परस्थितियों के लिए आवश्यक वस्तुओं की तेजी से खरीददारी कर रहे हैं.