नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर झारखंड के पलामू की एक विशेष अदालत ने बुधवार को 13 साल पुराने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में 6 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.
वर्ष 2009 के आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में लालू प्रसाद यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया जिसके बाद अदालत ने उन पर जुर्माना लगाकर उन्हें इस मामले में बरी कर दिया.
सुबह जैसे ही अदालत की कार्यवाही शुरू हुई लालू प्रसाद यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया. इससे पूर्व यादव सुबह 7.30 बजे जस्टिस एसके मुंडा की अदालत में पेश हुए. यादव के अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन पर छह हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन पर 6 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले का निपटारा कर दिया गया है और वह अब आरोपों से मुक्त है.
वर्ष 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान गढ़वा में यादव ने हेलीकॉप्टर को तय स्थान से दूसरी जगह उतरवाया था जिसके बाद मौके पर मौजूद दंडाधिकारी ने उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया था.
जुर्माने की राशि जमा करने के बाद वह पटना के लिए रवाना हो गए.
पिछले महीने सीबीआई ने ‘रेलवे की नौकरी के लिए जमीन’ मामले में एफआईआर दर्ज की थी जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी, बेटियों और कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था.
सीबीआई ने दिल्ली और बिहार में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की.
यह कथित घोटाला तब हुआ था जब यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे.
लालू यादव ने रांची में सीबीआई की अदालत में एक आवेदन दायर कर रिन्यूअल के लिए अपना पासपोर्ट जारी करने की मांग की है क्योंकि उन्हें किडनी प्रत्यारोपण के लिए विदेश जाना है.
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