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Thursday, 19 December, 2024
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श्रम विधेयकों को राहुल गांधी ने बताया मजदूरों पर वार, नकवी ने कहा- कोई बिल वापस नहीं होने वाला

नकवी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'राहुल गांधी लफ्फाजी का लॉलीपॉप हो गए हैं, लफ्फाजी से ज्यादा इनके पास और कुछ रह नहीं गया. रोज़ कहीं से उधार कविता लिखाकर ट्वीट कर देते हैं.'

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद से पारित श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि किसानों के बाद मजदूरों पर वार किया गया है.

केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राहुल गांधी लफ्फाजी का लॉलीपॉप हो गए हैं, लफ्फाजी से ज्यादा इनके पास और कुछ रह नहीं गया. रोज़ कहीं से उधार कविता लिखाकर ट्वीट कर देते हैं.

उन्होंने कहा, ‘भय और भ्रम का माहौल पैदा करके बिचौलियों की जागीरदारी को बचाने की कोशिश चल रही है. ये बिल किसानों के हित में है, ये किसानों की समस्याओं के समाधान, किसानों को बिचौलियों से मुक्ति देने वाला बिल है. इनके कहने से कोई बिल वापस नहीं होने वाला है.’

राज्य सभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को मंजूरी दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी.

लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘किसानों के बाद मज़दूरों पर वार. गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण. यही है बस मोदी जी का शासन.’

इन विधेयकों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए. सबकी आजीविका सुरक्षित रहे. भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए. सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है. वाह रे सरकार, आसान कर दिया अत्याचार.’

संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार ने कई अहम बिल पास कराए हैं. दोनों सदनों की कार्यवाही कोविड के कारण तय समय से एक सप्ताह पहले ही स्थगित कर दी गई है. सदन में कृषि विधेयक के पारित कराने के तरीके पर विपक्षी पार्टियों ने सदन का बहिष्कार किया था. जिसके बाद भी कई बिल पारित कराए गए.

कृषि विधयेक के खिलाफ देशभर में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने 25 सितंबर को भारत बंद का भी आह्वान किया है. लेकिन सरकार का कहना है कि ये बिल किसानों के हित में है जो इनकी स्थिति को बेहतर करेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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