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Saturday, 4 May, 2024
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खरगे ने CWC के रुख में किया सुधार, इज़रायल पर हमास के हमले को लेकर कांग्रेस की निंदा को दोहराया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 8 अक्टूबर को इज़रायल के लोगों पर 'क्रूर हमले' के बारे में ट्वीट किया था, लेकिन अगले दिन कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव में हमास के हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया था.

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने मध्य पूर्व में जारी संकट को लेकर बृहस्पतिवार को अपने रुख में फिर से सुधार किया है, फ़िलिस्तीन के लोगों के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए इज़राइल पर हमास के हमले की निंदा की है.

इसके साथ ही, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने 9 अक्टूबर के अपने प्रस्ताव में इज़रायल-हमास युद्ध को लेकर हमास के हमले का जिक्र न करने बाद, पार्टी के अपने पहले के रुख में संशोधन किया है.

“गाज़ा में अस्पताल और रिहायशी इलाकों पर अंधाधुंध बमबारी, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की जान चली गई, अनुचित और गंभीर मानवीय त्रासदी है, जिसके लिए अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ये बात बृहस्पतिवार को एक्स एक बयान में कहा. उन्होंने लिखा, “8 अक्टूबर 2023 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इज़रायल के लोगों पर हमास के क्रूर हमले की निंदा की थी. इसके अलावा, इज़रायल के सैन्य बलों द्वारा नागरिक क्षेत्रों में अंधाधुंध कार्रवाई को अस्वीकार्य कहा था, जिसमें गाज़ा पट्टी की घेराबंदी और उसके अंदर की गई बमबारी शामिल है.”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रयास किए जाने चाहिए ताकि “फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों और इज़रायल की सुरक्षा चिंताओं पर भी ध्यान दिया जाए.”

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उन्होंने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है. अपने स्वयं के संप्रभु राज्य में गरिमा, आत्म-सम्मान और समानता के जीवन के लिए फ़िलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं लंबे समय से चली आ रही हैं और पूरी तरह से वैध हैं.”

यह कहते हुए कि फ़िलिस्तीनी लोगों की ये आकांक्षाओं लगातार अस्वीकार की गई हैं, खरगे ने एक बार फिर से “तत्काल संघर्ष विराम” का आह्वान किया.

जब से इज़रायल के साथ युद्ध शुरू हुआ है, कांग्रेस अपने रुख पर आगे-पीछे होती रही है. सबसे पहले, रमेश ने 8 अक्टूबर को इज़रायल के लोगों पर “क्रूर हमले” के बारे में ट्वीट किया था, साथ ही फ़िलिस्तीनी लोगों की “वैध आकांक्षाओं” के बारे में भी बात की थी.

हालांकि, 9 अक्टूबर को सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में इज़रायल या हमास का बिल्कुल भी उल्लेख नहीं किया गया था. इसमें “मध्य पूर्व में युद्ध” का उल्लेख था. इसने फ़िलिस्तीन के लोगों के “भूमि, स्वशासन” और “गरिमा व सम्मान के साथ जीने” के लिए पार्टी के समर्थन को दोहराते हुए जानमाल के नुकसान की निंदा की थी.

सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान, कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि रमेश का बयान इंदिरा गांधी के समय से फ़िलिस्तीन के लोगों के लिए पार्टी के लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

(संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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