नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में गुजरात की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अहमदाबाद में इसका ऐलान करते हुए कांग्रेस-बीजेपी के बीच राज्य में गठजोड़ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी को अपना माल सप्लाई करती है.
केजरीवाल ये बातें गुजरात के अहमदाबाद में पार्टी के नये राज्य कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कही.
People here (Gujarat) think if electricity can be free in Delhi, why not here? Likewise, for hospitals also the condition has not improved in 70 years here. But things will change now: AAP leader and Delhi CM Arvind Kejriwal, pic.twitter.com/0oPOEyRvbc
— ANI (@ANI) June 14, 2021
आप प्रमुख ने कहा कि गुजरात के लोग सोचते हैं कि अगर दिल्ली में 24 घंटे मुफ्त बिजली मिल सकती है तो गुजरात में बिजली इतनी महंगी क्यों है? अगर दिल्ली के स्कूल और अस्पताल 5 साल में अच्छे हो सकते हैं तो 70 साल में गुजरात में क्यों अच्छे नहीं हुए? अब होंगे अच्छे, अब बदलेगा गुजरात.
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के लोगों ने आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. देश के सबसे बड़े नेता गुजरात की धरती ने दिए. यहां के आम लेगों ने बड़ी सी बड़ी शहादतें दीं. देश आजाद हुआ, पूरा देश रियासतों में बंटा हुआ था. फिर सरदार पटेल ने बीड़ा उठाया, पूरे देश को इकट्ठा किया. गुजरात के आम लोगों ने भी बड़ी कुर्बानियां दी.
उन्होंने कहा, ‘पिछले 27 साल से गुजरात में एक ही पार्टी की सरकार है. ये 27 साल ये दोनों पार्टियों के गठजोड़ की कहानी है. दोनों की दोस्ती की कहानी है. कहते हैं मुझे नहीं पता है, कांग्रेस बीजेपी की जेब में है. जब-जब बीजेपी को जरूरत होती तो माल कांग्रेस सप्लाई करती है. ऐसे कैसे चलेगा.’
केजरीवाल ने कहा कि पिछला 75 साल भाजपा-कांग्रेस की कहानी है. गुजरात की आज जो हालत है वो बीजेपी-कांग्रेस की करस्तानी है.
इसुदान गांधवी के इस दैरान आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने को लेकर आप प्रमुख ने कहा, ‘जब किसी का करिअर खत्म हो जाता है, जब किसी को कोई पूछने वाला नहीं होता. तब अगर छोड़छाड़ के राजनीति में आए तो समझ में आता है. अगर कोई अपने करिअर के पीक पर हो, करिअर को छोड़ दे, करिअर को लात मार के राजनीति में आए तो वो गुजरात के लोगों के लिए आ रहा है!’
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों से इसुदान जी अपने टीवी चैनल के और अपने कार्यक्रम के जरिए एक-एक आम गुजराती की आवाज बने हुए हैं. आवाज उठाते हैं. लोग उनके साथ अपने को रिलेट करते हैं. गुजरात का हर व्यक्ति इसुदान के साथ रिलेट करता है. लेकिन सिस्टम के बाहर रहकर आवाज उठाकर समस्याओं के समाधान की अपनी एक सीमा है. सिस्टम के बाहर रहकर हम नुक्स निकाल सकते हैं, शोर कर सकते हैं, आंदोलन कर सकते हैं. टीवी में डिबेट करा सकते हैं, न्यूज में दिखा सकते हैं, लेकिन अगर सामने वाली सारी पार्टियां मिली हुई हों. उनको सुनने की जरूरत ही नहीं हो.’
आप के मुखिया ने कहा कि सामने वाली पार्टी कहती है कि हमें सुनना ही नहीं है जो करना है कर लो. जितनी आवाज उठाना हो उठा लो, चुनाव का नतीजा हमें पता है, जीतना हमें ही है. तो फिर क्या करेगा कोई आदमी. इन्होंने तय किया कि अब सिस्टम के अंदर जा के, कीचड़ के अंदर उतर कर कीचड़ को साफ करना होगा. समझता हूं कि यह इनका बहुत बड़ा त्याग है.