बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने हिंदी न्यूज चैनल आज तक के न्यूज एंकर और पत्रकार सुधीर चौधरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. उन पर अल्पसंख्यकों के लिए वाणिज्यिक वाहन सब्सिडी योजना के बारे में “जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण” गलत सूचना देने का आरोप लगाया है.
विचाराधीन योजना में 4.5 लाख रुपये से कम घरेलू आय वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों के लोगों को वाणिज्यिक वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का वादा किया गया है. कर्नाटक में पांच समुदाय हैं जिन्हें धार्मिक अल्पसंख्यकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है- मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौद्ध, सिख और पारसी.
कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी (आईटी/बीटी) मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोर्टल एक्स पर कहा, “आजतक के एंकर जानबूझकर सरकारी योजनाओं पर गलत सूचना फैला रहे हैं, जिसे सबसे पहले भाजपा सांसदों ने शुरू किया था और मीडिया के एक वर्ग द्वारा इसे बढ़ाया जा रहा है. यह जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण है, सरकार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी.”
पोस्ट में आज तक के एक शो प्रमोशन का स्क्रीनशॉट था जिसमें चौधरी दिख रहे थे, जिसका हिंदी कैप्शन था: “कर्नाटक में अल्पसंख्यकों के लिए सब्सिडी लेकिन हिंदुओं के लिए नहीं?”
न्यूज एंकर को खरगे की चेतावनी राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गलत सूचना के प्रसार के प्रयासों को विफल करने के लिए तथ्य-जांच पर सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की नई नीति का हिस्सा है.
सरकारी अधिकारियों और दिप्रिंट द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार, विचाराधीन योजना कांग्रेस सरकार से पहले की है.
कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मनोज जैन ने मंगलवार को दिप्रिंट को बताया, “पहले यह 2.5 लाख रुपये (सब्सिडी) थी, अब यह तीनों विभागों (एससी/एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक) के लिए इस बजट में पेश की गई एक नई योजना है. अब हम 3 लाख रुपये तक सब्सिडी दे रहे हैं. 3 लाख रुपये के साथ, इस योजना को स्वालंबी सारथी कहा जाता है.”
‘स्वावलंबी सारथी योजना’ के अनुसार, जिन लाभार्थियों को ऑटोरिक्शा/माल वाहन/टैक्सी की खरीद के लिए बैंक ऋण स्वीकृत किया गया है, उन्हें वाहन के मूल्य का 50 प्रतिशत या 3 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी.
राज्य सरकार पर भाजपा के हमले के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा पोस्ट किए गए एक विज्ञापन के अनुसार, पात्रता 18 से 55 वर्ष की आयु के धार्मिक अल्पसंख्यकों और 4.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले सदस्यों के लिए है.
यह योजना एक शर्त के साथ आती है. अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार, “आवेदकों या उनके परिवार के सदस्यों ने पिछले 5 वर्षों में KMDCL (कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड) की किसी अन्य योजना (अरिवु योजना को छोड़कर) के तहत लाभ नहीं उठाया होना चाहिए.”
इस प्रकृति की सब्सिडी मई में नई सरकार के सत्ता संभालने से पहले मौजूद थी.
कर्नाटक सरकार के दस्तावेज़ों से पता चलता है कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब कर्नाटक अल्पसंख्यक विभाग ने 2022-23 में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए छोटे वाणिज्यिक वाहनों की सुविधा के लिए सब्सिडी के वित्तपोषण के लिए 15 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था.
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के तहत विभाग ने 2022-23 में 7.1 करोड़ रुपये जारी किए. 2021-22 में विभाग ने 10 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 5.4 करोड़ रुपये जारी किए.
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सियासी बवाल मच गया
सब्सिडी पर विवाद पिछले हफ्ते तब शुरू हुआ जब केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कर्नाटक सरकार का एक विज्ञापन पोस्ट किया जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को छोटे वाणिज्यिक वाहनों के लिए 3 लाख रुपये की सब्सिडी की पेशकश की गई थी.
चन्द्रशेखर ने लिखा, “यह कर्नाटक में राहुल के कांग्रेस द्वारा कुछ समुदायों को रिश्वत देने की बेशर्म, आलसी, तुष्टिकरण की राजनीति का एक और उदाहरण है. 50% सब्सिडी का उपयोग करके 6 लाख रुपये में एक वाहन खरीदें, अगले दिन इसे 5 लाख रुपये में बेचें. 2 लाख रुपये का अच्छा लाभ. यह केवल गैर-हिंदुओं के लिए उपलब्ध है और इसमें गरीब वंचित हिंदू समुदाय शामिल नहीं हैं.” उन्होंने इसे “राज्य-प्रायोजित धर्मांतरण प्रलोभन” भी कहा और साथ ही हैशटैग “TruthAboutCorrupCong” भी जोड़ा.
एक राजनीतिक विवाद शुरू हो गया, जिसमें भाजपा ने कांग्रेस पर “तुष्टिकरण” के उद्देश्य से राज्य के संसाधनों का उपयोग करने का आरोप लगाया और सत्तारूढ़ दल ने भाजपा की “अल्पसंख्यकों के प्रति अंध नफरत” पर हमला बोला.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, जो बेंगलुरु दक्षिण से सांसद हैं, ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी मुफ्त सुविधाओं के लिए “बिजली शुल्क दोगुना कर दिया है और उत्पाद शुल्क और अन्य करों में बढ़ोतरी की है”.
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “कर्नाटक का मध्यम वर्ग एक ‘धर्म लक्षित योजना’ को वित्तपोषित करेगा, जो खासकर अल्पसंख्यकों के लिए डिज़ाइन की गई है, जो वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी के रूप में 3 लाख रुपए देती है. कांग्रेस अपने मूल मतदाता आधार को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जाती है, भले ही इसका मतलब मेहनती कर देने वाले मध्यम वर्ग के परिवारों को कमजोर करना हो.”
कर्नाटक के स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्री और राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने चंद्रशेखर के आरोपो का जवाब देते हुए एक एक्स पोस्ट में कहा कि वह भूल रहे हैं कि “यह योजना आपकी भाजपा सरकार के दौरान भी थी”.
उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी अंधी नफरत को अपने आप को मूर्ख जैसा न दिखने दें. अपने बेवकूफी भरे ट्वीट को सुधारें.”
(संपादनः ऋषभ राज)
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