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Thursday, 19 December, 2024
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कर्नाटक सरकार ने सभी किसान लोन एक ही बार में माफ करने का लिया फैसला

राज्य के सीएम कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडी (एस) सरकार ने 2018 में सत्ता में आने के बाद अपने शुरुआती बजट सत्र में आंशिक रूप से 34000 करोड़ कृषि ऋण माफी की घोषणा की थी.

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बेंगलुरुः कर्जमाफी की रिपोर्ट के बाद, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए सभी पात्र कृषि ऋणों को एक बार में माफ करने का निर्णय लिया है.

बुधवार को, एक ऑडिट के दौरान किसानों को ऋण के लिए अयोग्य पाए जाने पर बैंकों द्वारा 13,988 किसानों के बैंक खातों में जमा किए गए धन को वापस लेने के बाद राज्य सरकार द्वारा एक आदेश जारी किया गया था. इस खबर ने राज्य सरकार को परेशान किया, जिससे प्रभावित किसानों ने आरोप लगाया कि कुमारस्वामी डिस्पेंसन सरकार ने केवल वोट जीतने के लिए पैसे जमा किए थे और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में हारने के बाद इसे वापस ले लिया.

कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडी (एस) सरकार ने 2018 में सत्ता में आने के बाद अपने शुरुआती बजट सत्र में आंशिक रूप से 34000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी की घोषणा की थी. प्रत्येक ऋण माफी की राशि 2 लाख तक सीमित थी जिसे शुरू में चार किश्तों में भुगतान किया जाना था.

नई घोषणा का मतलब है कि सरकार को वाणिज्यिक बैंकों में प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक बार में लगभग 4,617 करोड़ रुपये जारी करने होंगे.

मध्य प्रदेश में अब दूसरे किश्त में किसान कर्जमाफी की तैयारी

‘जय किसान कर्जमाफी’ योजना के दूसरे चरण की तैयारी में जुटी राज्य सरकार अब 75 हजार व एक लाख रुपए तक के कर्जदार किसानों का कर्ज माफ करेगी. चालू खाते में 50 हजार रुपए तक और एनपीए केस में दो लाख तक के किसान इसमें शामिल हैं. अब चालू खातों का दायरा बढ़ाने की योजना है.

बता दें कि इससे पहले राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आई कांग्रेस की नई सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था और 15 जनवरी से आवदेन भरने का सिलसिला शुरू होकर 5 फरवरी तक चला. किसानों के खातों में कर्जमाफी की रकम जमा होने का क्रम 22 फरवरी से शुरू होना तय था.

कर्जमाफी के लिए राज्य में 50 लाख से अधिक किसानों ने आवेदन किया था. किसानों के आवेदन भरने का आंकड़ा लक्ष्य से लगभग 5 लाख कम रहा था.

गौरतलब है कि राज्य में किसानों से तीन रंग के फार्म भरवाए गए हैं. कर्जदार किसानों के नामों की दो रंग की सूचियां जारी की गईं हैं, जिसके मुताबिक सफेद रंग की सूची में जिनके बैंक खाते आधार से जुड़े नहीं थे उन किसानों के नाम थे. हरे रंग की सूची में बैंक खाते आधार से जुड़े लोगों के नाम वाले किसान थे. वहीं जिन किसानों के दोनों सूची में नाम नहीं थे, उनसे गुलाबी रंग के आवेदन भरवाए गये हैं.

(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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