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Wednesday, 20 November, 2024
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J&K के नेताओं ने PM मोदी से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की, मुफ्ती ने कहा- अनुच्छेद-370 पर कोई समझौता नहीं होगा

करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में पीएम मोदी ने कहा, 'वो दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी को मिटाना चाहते हैं.'

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राज्य का दर्जा बहाल करने समेत कई मांग की गई. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक मतभेद जरूर हैं लेकिन राष्ट्र की भलाई के लिए सबको मिलकर काम करना होगा ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा मिल सके.

करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘वो दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी को मिटाना चाहते हैं.’

पीएम के साथ बैठक खत्म होने के बाद तमाम नेताओं ने कहा कि पीएम के साथ बैठक अच्छे माहौल में हुई और बातचीत का मुख्य मुद्दा राज्य का दर्जा फिर से बहाल करने का था. अनुच्छेद-370 का मामला अदालत में होने के चलते इस पर ज्यादा बातचीत नहीं हुई, हालांकि नेताओं ने बैठक में इस मुद्दे को उठाया.

इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह, भाजपा नेता रविंदर रैना सहित जम्मू-कश्मीर के नेताओं में महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन, गुलाम नबी आजाद, फारूख अब्दुल्ला, तारागामी समेत अन्य शामिल थे.

पीपुल्स कांफ्रेस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक अच्छी रही और आशा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ बेहतर होगा.

भाजपा नेता रविंदर रैना ने बताया, ‘पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को विश्वास दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर के उज्जवल भविष्य के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे. जम्मू-कश्मीर की मजबूती और जनता की भलाई के लिए हर कार्य किया जाएगा जिससे लोगों का भला हो.’

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पर अच्छे माहौल में चर्चा हुई. सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता जताई. ये जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा.’

शाह ने कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई और परिसीमन अभ्यास और शांतिपूर्ण चुनाव, राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण है जो संसद में वादा किया गया था.’

आरएसएस के राम माधव ने ट्वीट कर कहा, ‘तीन घंटे से ज्यादा तक चली बैठक का मतलब अपने आप में इसकी सफलता का संकेत है.’

‘राज्य और केंद्र में भरोसे की कमी’

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने पीएम को बताया कि 5 अगस्त 2019 को जो हुआ हम उसके साथ नहीं हैं. हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन हम कानून अपने हाथों में नहीं लेगें. हम इसे अदालत में लड़ेंगे.’

उन्होंने कहा कि हमने पीएम को ये भी बताया कि राज्य और केंद्र के बीच भरोसे की कमी है.

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था जिसके बाद कई कई महीनों तक प्रदेश की पार्टियों के नेताओं को नजरबंद कर के रखा गया था. मोदी सरकार ने इस बैठक के जरिए राजनीतिक प्रक्रिया फिर से शुरू करने की कोशिश की है.


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कांग्रेस ने पीएम मोदी के सामने पांच मांगे रखीं

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया, ‘बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे रखी.’

आजाद ने कहा कि इन 5 मांगों में राज्य का दर्जा बहाल करने, लोकतंत्र की बहाली के लिए विधानसभा चुनाव कराना, कश्मीरी पंडित को घाटी में बसाना, सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई और डोमिसाइल नियम शामिल हैं.

उन्होंने मोदी सरकार से मांग की कि राज्य का दर्ज़ा जल्दी बहाल किया जाए.

आजाद ने कहा कि बैठक में सभी नेताओं ने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की और गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है.


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डिलिमिटेशन प्रक्रिया  

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि आज अच्छे माहौल में वार्ता हुई है. सभी ने विस्तार से अपनी बात रखी. पीएम और गृह मंत्री ने सबकी बात सुनी.

उन्होंने कहा, ‘पीएम ने कहा कि डिलिमिटेशन की प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन की प्रक्रिया जारी है और इसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.

बुखारी ने बताया, ‘पीएम मोदी ने बैठक में शामिल सभी नेताओं को डिलिमिटेशन प्रक्रिया में शामिल होने को कहा है. हमें आश्वस्त किया गया कि ये चुनाव की तरफ बढ़ता कदम है.’


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अनुच्छेद-370 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अनुच्छेद-370 को रद्द होने से नाराज़ है. हम जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को फिर से बहाल करेंगे. इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे. इस पर कोई समझौता नहीं होगा.’

मुफ्ती ने कहा, ‘मैंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको अनुच्छेद-370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था. इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था. हम अनुच्छेद-370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं.’

अल्ताफ बुखारी ने कहा, ‘अनुच्छेद-370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती. दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी.’

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि बैठक बहुत शानदार हुई. उन्होंने बताया, ‘मैंने कहा कि अनुच्छेद-370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद-370 के मामले पर फैसला करेगा. मैंने 370 की कोई मांग नहीं रखी.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा कि 370 खत्म करने का फैसला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के द्वारा होना चाहिए. जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्ज़ा दिलाने की मांग सभी दलों ने की. पीएम ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिए जाने पर सीधे कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि पहले परिसीमन हो.’

हालांकि भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा कि अनुच्छेद-370 जो हट गया है वो वापस आ जाए ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए.


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