नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में जारी की गई एडवाइजरी के बाद से राज्य में सियासी पारा भी बढ़ गया है. पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. वहीं शनिवार को श्रीनगर में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुला राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने पहुंचे.
राज्यपाल से मिलने के बाद उमर अब्दुला ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम राज्य में मौजूदा स्थिति के बारे में जानना चाहते है. हम राज्य के अफसरों से पूछते है तो वह कहते हैं कि कुछ हो रहा है. लेकिन क्या हो रहा है. इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.
Omar Abdullah, National Conference: On Monday, when Parliament starts functioning, Centre should give a statement on what was the need for the order to end yatra & evacuate tourists. We want to hear it from the Parliament that there is no need for people to be afraid. https://t.co/nTr9pjmXY1
— ANI (@ANI) August 3, 2019
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले राजनीतिक नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने दल को विश्वास दिलाने की कोशिश की है कि यह सिर्फ अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की गई है. सुरक्षा एजेंसी को ऐसे इनपुट्स मिले हैं कि बड़ी संख्या में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है, इसलिए सिर्फ सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संवैधानिक प्रावधानों को संशोधित करने पर कुछ नहीं किया जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ अब्दुल्ला ने कहा कि सोमवार को जब संसद में केंद्र सरकार को इस बारे में सदन में जवाब देना होगा कि ऐसा क्या हो गया कि अमरनाथ समेत अन्य धार्मिक यात्राएं रोकी जा रही है. वहीं पर्यटकों को वापस लौटाया जा रहा है. हमें इसकी पूरी जानकारी सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों से चाहिए. सरकार के लोगों को बताना चाहिए कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि लोग सब्र से काम ले. हम 35 ए को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. 35 ए के अलावा और भी कई चीजे हैं जिन्हें लेकर घाटी के लोगों में असमंजस की स्थिति है.
इससे पहले शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एडवाइजरी जारी होने के बाद राज्य के लोगों समेत श्रद्धालुओं से किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देने और शांति बनाए रखने की अपील की थी. राज्यपाल ने राज्य के मौजूदा हालत को लेकर राज्य के सभी राजनीतिक पार्टीयों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात भी की थी.