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Friday, 3 May, 2024
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जितिन प्रसाद का ब्राह्मण चेतना परिषद लॉन्च करेगा टीम ‘T-20’, UP में ब्राह्मणों को देगा कानूनी मदद

इसके अलावा यूपी के कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट्स को संगठन से जोड़कर जितिन ब्राह्मण चेतना परिषद में एक एडवाइजरी कमेटी बनाएंगे जो मार्गदर्शक मंडल के तौर पर काम करेगी.

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लखनऊ: यूपी में ब्राह्मणों के कथित शोषण के लगातार आ रहे मामलों को लेकर कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने हर जिले में ‘टी-20’ नाम की टीम बनाने की घोषणा की है. ये टीम जितिन प्रसाद के संगठन ‘ब्राह्मण चेतना परिषद’ के तहत बनेगी, जिसका काम पीड़ित ब्राह्मण परिवारों के मुकदमे लड़ने में उनकी कानूनी साहयता करना होगा.

इसके अलावा यूपी के कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट्स को संगठन से जोड़कर जितिन ब्राह्मण चेतना परिषद में एक एडवाइजरी कमेटी बनाएंगे जो मार्गदर्शक मंडल के तौर पर काम करेगी. फिलहाल ब्राह्मण चेतना परिषद के अध्यक्ष रिटार्यड आईएएस वीपी मिश्रा हैं.

बुधवार को संगठन को प्रदेशभर में विस्तार के लिए 25 जिलों के जिलाध्यक्ष घोषित किए गए. जितिन के मुताबिक, अधिकतर जिलाअध्यक्ष युवा हैं और वे पीड़ित ब्राह्मणों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे.

प्रसाद ने बताया टी-20 में होंगे लीगल एडवाइजर

दिप्रिंट से बातचीत में जितिन प्रसाद ने कहा कि यूपी में पिछले तीन साल में ब्राह्मणों पर लगातार अत्याचार बढ़ा है. कई मर्डर, किडनैपिंग और रेप के मामले सामने आए हैं. कई गरीब ब्राह्मण परिवारों के पास कानूनी लड़ाई के लिए पैसे नहीं हैं और न ही उन्हें कोई सही सुझाव देने वाला है. ऐसे में हमारा ब्राह्मण चेतना परिषद उनकी कानूनी लड़ाई में मदद करेगा. हम हर जिले में ‘टी-20’ टीम बना रहे हैं जिसमें 20 वॉलंटियर्स होंगे. इसमें कुछ वकील भी होंगे जो उस जिले में पीड़ित परिवार की केस लड़ने में सहायता करेंगे.

जितिन के मुताबिक, मैनपुरी की नवोदय स्कूल की छात्रा का मामला रहा हो या बस्ती के छात्र नेता का मामला, दोनों जगहों पर आज भी परिवार इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं. इन परिवारों की मदद के लिए सरकार को आगे आना चाहिए था लेकिन उनकी मदद नहीं हुई. ऐसे में हम ऐसे परिवारों की मदद करेंगे और इनकी आवाज को बुलंद करेंगे.

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उन्होंने कहा कि यूपी में लगातार ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है. कहीं फेक एन्काउंटर में उनकी हत्या कर दी जा रही है तो कहीं फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है. ऐसे में ये वक्त राजनीति से ऊपर उठकर समाज के लिए एकजुट होने का है.

रिटार्यड ब्यूरोक्रेट्स मार्गदर्शक मंडल में होंगे

जितिन के मुताबिक, ब्राह्मण चेतना परिषद में जल्द एक एडवाइजरी कमेटी बनेगी जो मार्गदर्शक मंडल के तौर पर काम करेगी. इसमें रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस होंगे. कई रिटार्यड ब्यूरोक्रेट्स से संपर्क भी हुआ है. इसको लेकर जल्द ही चीजें तय की जाएंगी.

जितिन ने बताया वे खुद भी जिलेवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ब्राह्मण परिवारों से बात कर रहे हैं. जितिन ने 5 जून को ब्राह्मणों के लिए इस संगठन की की शुरुआत की थी.

Congress’ Jitin Prasada launches Brahmin body, blames Yogi govt for ‘step-motherly treatment’

ब्राह्मण पॉलिटिक्स ऐसे गरमायी

बीते जुलाई के महीने में कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के नाटकीय ढंग से हुए एन्काउंटर के बाद तमाम ब्राह्मण संगठनों ने योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे जिसके बाद से यूपी में ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीति के समीकरण तैयार होने लगे. पिछले दिनों निषाद पार्टी से विधायक विजय मिश्रा ने अपने एन्काउंटर का डर बताते हुए कहा था कि ब्राह्मण होने के कारण उनका एन्काउंटर हो सकता है. इसके बाद विजय मिश्रा को जबरन जमीन कब्जे के मामले में जेल भेज दिया गया.

यूपी में विपक्षी दलों का ब्राह्मणों के समर्थन में उतरने की अहम वजह ब्राह्मणों की सरकार से बढ़ती नाराजगी है. अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा.) के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का कहना है कि यूपी में बीते 2 साल में 500 से अधिक ब्राह्मणों की हत्याएं हुई हैं. ये ठाकुरों की सरकार है इस सरकार में ब्राह्मण असुरक्षित हैं.

सभी दल लगे ब्राह्मणों को लुभाने में

यूपी में ब्राह्मणों की लगभग 12% जनसंख्या है. इस वक्त यूपी में सभी दल ब्राह्मणों को अपनी ओर खींचने में जुटे हैं. कांग्रेस में जितिन प्रसाद, समाजवादी पार्टी में अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडे तो ब्राह्मणों के मुद्दे उठा रहे हैं. वहीं बीएसपी में खुद मायावती इसको लेकर कई बार बयान दे चुकी हैं.

इसके अलावा पिछले दिनों समाजवादी पार्टी की ओर से लखनऊ में 108 फिट की परशुराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा की गई. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके कहा कि अगर वह 2022 में सत्ता में आएंगी तो परशुराम की इससे भी बड़ी प्रतिमा लगाएंगी. यही नहीं उन्होंने तो पार्क और अस्पताल के नाम परशुराम के नाम पर करने की भी घोषणा कर दी.

 

आगामी 3 नवंबर को देवरिया में होने वाले उपचुनाव के लिए यूपी के चारों प्रमुख दलों ने ब्राह्मण कैंडिडेट को टिकट दिया है. खास बात ये है कि सबका उपनाम (सर नेम) त्रिपाठी ही है. लिहाजा हर दल ब्राह्मणों को अपनी ओर करने के लिए तमाम तरीके अपनाने में जुटा है.

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