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Wednesday, 15 May, 2024
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बाप जेल में, मां तड़ीपार और मैनेजमेंट डिग्री लिए बेटी लड़ रही है चुनाव

अंबा प्रसाद के पिता योंगेंद्र साव 2009 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक और फिर मंत्री बने, जेल गए तो मां निर्मला देवी 2014 में कांग्रेस के ही टिकट पर विधायक बनीं. पुलिस ने इनको तड़ीपार किया तो अब बेटी मैदान में उतर गई हैं.

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रांची/झारखंड: पिता योंगेंद्र साव 2009 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक और फिर मंत्री बने, जेल गए तो मां निर्मला देवी 2014 में कांग्रेस के ही टिकट पर विधायक बनीं. पुलिस ने इनको तड़ीपार किया तो अब बेटी मैदान में उतर गई है. ये हैं बड़कागांव विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अंबा प्रसाद. तीसरे चरण में यहां 12 दिसंबर को मतदान होने जा रहा है. अंबा कहती हैं, ‘मेरा छोटा भाई भी है, जो राजनीति उनसे बेहतर समझता है. बावजूद इसके मां-बाप ने उन्हें मैदान में उतरने को कहा है.’

रांची के जे़वियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज संस्थान के सबसे हॉट कोर्स ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. अंबा से जब मिला तो वह चार जनसभा को संबोधित कर अपने छोटे से काफिले के साथ उरिमारी स्थिति कांग्रेस कार्यालय पहुंची. अपने सुरक्षा गार्ड उपेंद्र मिश्र को अंकल बुलाती हैं और किसी से बात करने और मामले को सुलझाने के लिए कहती हैं. इस बीच एक और फोन आया, फोन की दूसरी तरफ के आदमी को उन्होंने चाचा संबोधित किया और कहा, ‘उनके गुस्से को किसी तरह शांत कीजिए, हम घर-घर आकर योजनाओं का लाभ पहुंचाएंगें. कभी किसी को कांग्रेस कार्यालय या मेरे घर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ये वक्त मेरे से ज्यादा पापा और आप लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं.’

फिर माफी मांगते हुए मुखातिब हुईं और कहा, ‘सीधे तौर पर तो इस तरह का अनुभव मेरा पहली बार है, लेकिन पिछले चार साल से मैं ऐसे ही काम कर रही हूं.’

‘पापा के जेल जाने से पहले मैं दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. इस बीच मां पर भी राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमे लाद दिए गए. इन सब स्थितियों के बीच मुझे पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर अपने घर वापस लौटना पड़ा.’


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वह आगे कहती हैं, ‘पहले तो दिल्ली की दौड़ लगाती रही. राहुल गांधी से मुलाकात की, उनसे कानूनी मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया. उन्होंने मुझे ध्यान से सुना और कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वकीलों से मदद करने को कहा.’

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‘पापा का सपना था कि राहुल गांधी को वह अपने इलाके में एक बार लेकर आएं, उनका यह सपना मैंने पूरा किया.’ बीते 9 दिसंबर को राहुल गांधी ने बड़कागांव में अंबा सहित कई अन्य कांग्रेसी प्रत्याशियों के लिए जनसभा की.

पूर्व मंत्री रहे पिता पर चल रहे हैं 24 मुकदमें

साल 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री बने अंबा के पिता योगेंद्र साव पर फिलहाल 24 मुकदमें चल रहे हैं. रामगढ़ स्पंज आयरन फैक्ट्री से रंगदारी मांगने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखते हुए उन्हें जमानत देने के इंकार कर दिया था. वहीं एक अक्टूबर 2016 में उन्होंने एनटीपीसी (चिरूडीह में खनन चल रहा है) की ओर से अधिग्रहित की गई ज़मीन के मुआवजे में बढ़ोत्तरी के लिए कफ़न आंदोलन किया. इस आंदोलन में पुलिस फायरिंग हुई और चार लोग मारे गए. झारखंड में लोग इसे बड़कागांव गोलीकांड के नाम से जानते हैं. आंदोलन के दौरान पत्नी और निवर्तमान विधायक निर्मला देवी भी शामिल थीं. इस मामले में भी मुकदमा चल रहा है. जहां 4.25 लाख प्रति एकड़ (रैयत जमीन) मुआवजा मिल रहा था, गोलीकांड के बाद 20 लाख प्रति एकड़ मिलने लगा.

योगेंद्र साव की केस डिटेल

इस चुनाव में अंबा प्रसाद को कांटे की टक्कर प्रतिद्वंदी और आजसू प्रत्याशी रौशन लाल चौधरी से है, राहुल गांधी की बड़कागांव में हुई रैली पर वो कहते हैं, ‘देखिये राष्ट्रीय पार्टी है, ऊ लोग बड़ा आदमी है.’

‘हमलोग क्षेत्रीय पार्टी हैं. उनके लिए पीएम दावेदार रहे राहुल गांधी प्रचार करने आते हैं.’ वहीं अंबा के बारे में उन्होंने कहा कि कोई व्यक्तिगत राय नहीं है, पार्टी ने टिकट दिया है तो कुछ सोच कर ही दिया होगा.

आजसू प्रत्याशी रौशन लाल चौधरी और अंबा प्रसाद में है सीधा टक्कर/फोटो-आनंद दत्ता

वहीं योगेंद्र साव के बारे में कहा कि ऑडियो-वीडियो वायरल है. जिसमें वह कह रहे हैं कि उग्रवादी संगठन एमसीसी (माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर), टीपीसी (तृतीय प्रस्तुत कमेटी) चलाते हैं.

रौशन लाल कहते हैं, ‘उनके चरित्र के बारे में हम क्या व्याख्यान करें. वह आंदोलन वाले केस में थोड़े न जेल गए हैं. वह तो गिद्दी में जो स्पंज फैक्ट्री है उससे रंगदारी मांगने के केस में जेल गए हैं.’

वहीं अंबा के एक और प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी लोकनाथ महतो कहते हैं, पैसे के बल पर अगर वह जीत जाते तो इसमें कुछ कह नहीं सकते, लोगों के दिल में वह और उनका परिवार नहीं है.’

‘वैसे कुछ लोग ही वोट बेचेंगे, सब नहीं.’

अंबा के बारे में उन्होंने कहा कि उसके बारे में कुछ नहीं कहेंगे, बस इतना कहेंगे कि उसके पिता, मां की वजह से यह इलाका दस साल ‘पीछे’ चला गया.

‘उसका परिवार केवल पैसा कमाने के पीछे रह गया. योगेंद्र साव एक तरह के लुटेरा है. टाइगर ग्रुप बनाकर उसने रंगदारी वसूली. उग्रवादी संगठनों से लेवी वसूला. कई युवा मर गए तो कई जेल में है. वह शांत नहीं, क्रिमिनल दिमाग का आदमी है.’

महतो आगे कहते हैं, ‘कफन सत्याग्रह किया जिसका उद्देश्य था उसका बेटा अंकित राज को कोयला ट्रांसपोर्टिंग का ठेका मिले. बालू ठेका में नकली चलान बनाकर उसका बेटा देता था. वह पकड़ा गया और जेल गया. मैंने खुद उसको पकड़वाया है.’

जाति समीकरण हो सकते हैं अंबा के पक्ष में

स्थानीय पत्रकार योगेंद्र सिन्हा कहते हैं, ‘अगर जातिगत समीकरण के हिसाब से वोट पड़ा तो इसका सबसे अधिक फायदा अंबा को मिलेगा. क्योंकि तेली, साहू समाज का वोट 50 हजार से अधिक है.’

‘मुस्लिम वोट 25 हजार के लगभग है. इसके अलावा जेएमएम का वोट अगर मिल जाता है तो वह आगे निकल सकती हैं.’ उनके इस मत से बीजेपी प्रत्याशी लोकनाथ भी सहमत दिखे.

लेकिन उनके प्रतिद्वंदी और आजसू प्रत्याशी रौशन लाल महतो पिछली बार मात्र 411 वोट से हारे थे. योगेंद्र के मुताबिक ‘पिछली बार रौशन लाल गांव तक सिमित थे, इस बार उन्होंने शहरी वोटरों के बीच भी पहुंच बनाई है. लेकिन पिछली बार बीजेपी के प्रत्याशी यहां से खड़े नहीं हुए थे, इस बार हैं. साफ है जीत हार का अंतर इस बार भी बहुत कम होने जा रहा है.’


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उरिमारी कांग्रेस कार्यालय के बाहर मिले आशुतोष ने बताया कि इस बार अंबा ही जीत रही हैं. खास बात ये है कि आशुतोष चतरा जिला से भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रवक्ता भी हैं. साथ ही स्थानीय स्तर पर बीजेपी के आईटी सेल में भी काम करते हैं. उन्होंने साफ कहा कि रघुवर दास ने युवा मोर्चा के सदस्यों के लिए कुछ नहीं किया. वह चतरा के खासतौर पर अंबा के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. क्योंकि इस इलाके में उनके कई रिश्तेदार रहते हैं.

तीसरे चरण में 17 सीटों पर हो रहे हैं चुनाव

चुनाव आयोग के मुताबिक तीसरे चरण में बड़कागांव के अलावा कोडरमा, बरकट्टा, बरही, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, धनवार, गोमिया, बेरमो, इचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया और कांके में चुनाव होना है. इन 17 सीटों पर कुल 309 प्रत्याशी मैदान में हैं. जिसमें 32 महिलाएं भी लड़ रही हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 56,18,267 है. इसमें 26,80,205 महिलाएं एवं 29,37,976 पुरुष मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे.

इस चरण के दिग्गज प्रत्याशियों में पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी (धनवार), आजसू प्रमुख सुदेश महतो (सिल्ली), नगर विकास मंत्री चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (बीजेपी, रांची), शिक्षा मंत्री नीरा यादव (बीजेपी, कोडरमा), राजकुमार यादव (भाकपा माले, धनवार) शामिल हैं.

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