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Monday, 13 January, 2025
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‘जम्मू-कश्मीर सुरंगों, पुलों और रोपवे का केंद्र बन रहा है’: PM मोदी ने किया सोनमर्ग टनल का उद्घाटन

सोनमर्ग सुरंग परियोजना, जो लगभग 12 किलोमीटर लंबी है, को 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है. इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक इग्रेस सुरंग और एप्रोच सड़कें शामिल हैं.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि जम्मू और कश्मीर अब सुरंगों, पुलों और रोपवे का हब बनता जा रहा है, साथ ही यहां दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग, रेलवे पुल और रेल लाइनों का निर्माण हो रहा है.

प्रधानमंत्री यह बयान जम्मू और कश्मीर के सोनमर्ग में नवनिर्मित जेड-मोरह सुरंग का उद्घाटन करने के बाद दे रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नाब ब्रिज की शानदार इंजीनियरिंग को देखकर दुनिया हैरान है.

सोनमर्ग सुरंग के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा जम्मू और कश्मीर सुरंगों, पुलों और रोपवे का हब बन रहा है. यहां दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग, सबसे ऊंचा रेलवे पुल और सबसे ऊंची रेल लाइनों का निर्माण हो रहा है. चेन्नाब ब्रिज की इंजीनियरिंग को देखकर दुनिया हैरान है.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर काम का एक समय होता है, और सभी काम अपने समय पर होंगे. आज सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यहां ‘सेवक’ के रूप में आया हूं. कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपकी अपनी रेलवे डिवीजन की नींव रखने का अवसर मिला था. यह आपकी पुरानी मांग थी. आज मुझे सोनमर्ग सुरंग को देश को समर्पित करने का अवसर मिला. एक और लंबी देरी वाली मांग पूरी हुई है. यह मोदी है, ‘वादा करता है तो निभाता है.’ हर काम अपने समय पर होता है. जब मैं सोनमर्ग सुरंग के बारे में बात करता हूं, तो यह कश्मीर और लद्दाख के लोगों के जीवन को आसान करेगा. यह सुरंग जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लोगों की कठिनाइयों को कम करेगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि वह बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में कश्मीर घाटी आते थे और घंटों तक पैदल यात्रा करते थे.

उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले हमारे मुख्यमंत्री ने कुछ तस्वीरें साझा की, जिन्हें देखकर मुझे यहां आने का उत्साह हुआ। जब मैं बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, तो मुझे अक्सर यहां आना पड़ता था. मैंने यहां बहुत समय बिताया है, चाहे वह सोनमर्ग, गुलमर्ग, बारामुल्ला या गंदरबल हो. हम घंटों पैदल यात्रा करते थे और तब भी बर्फबारी बहुत होती थी. लेकिन जम्मू और कश्मीर के लोगों का गर्मजोशी इतनी थी कि हमें ठंड का एहसास नहीं होता था. आज का दिन बहुत खास है, क्योंकि राज्य के हर कोने में त्योहार का माहौल है. आज से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो गया है, करोड़ों लोग पवित्र स्नान के लिए पहुंचे हैं. पूरे भारत में लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू का जश्न मनाया जा रहा है. मैं सभी की सफलता की कामना करता हूं.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस मौसम को घाटी में ‘चिल्ला-ए-कलान’ कहा जाता है, और यह मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों के लिए नए अवसर लाता है, क्योंकि देश भर से पर्यटक यहां आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह समय घाटी में चिल्ला-ए-कलान का है. यह मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों के लिए नए अवसर लाता है. देश भर से पर्यटक यहां आ रहे हैं. इस सुरंग का काम दरअसल 2015 में ही शुरू हुआ था, जब हमारी पार्टी सरकार में आई थी. मुझे खुशी है कि यह सुरंग हमारे शासन में पूरी हुई है. यह सुरंग सोनमर्ग में विभिन्न पर्यटन अवसर लाएगी.”

“अब, कश्मीर को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है. लोग विकासात्मक कार्यों से खुश हैं. स्कूल और कॉलेज बन रहे हैं। यह नया जम्मू और कश्मीर है. पूरा देश भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में लगा है. यह संभव है जब परिवार के किसी भी हिस्से को विकास की दौड़ से बाहर नहीं छोड़ा जाएगा. इसके लिए हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प के साथ काम कर रही है,” उन्होंने कहा.

सोनमर्ग सुरंग परियोजना, जो लगभग 12 किलोमीटर लंबी है, को 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है. इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक इग्रेस सुरंग और एप्रोच सड़कें शामिल हैं. यह समुद्र स्तर से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसमों में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे लैंडस्लाइड और हिमस्खलन के रास्तों को बाइपास करते हुए लद्दाख क्षेत्र तक सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होगी.

नवीन सोनमर्ग सुरंग पर्यटन को बढ़ावा देगी, जिससे सोनमर्ग एक सालभर का पर्यटन स्थल बन जाएगा. यह सर्दियों में पर्यटन, साहसिक खेल और स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देगा.

इसके साथ ही जोजिला सुरंग, जिसे 2028 तक पूरा किया जाना है, इस मार्ग की लंबाई 49 किलोमीटर से घटाकर 43 किलोमीटर कर देगी और वाहन की गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रति घंटे कर देगी, जिससे श्रीनगर घाटी और लद्दाख के बीच एनएच-1 कनेक्टिविटी निर्बाध होगी.

यह सुधारित कनेक्टिविटी रक्षा लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगी, और जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में आर्थिक विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देगी.


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