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Thursday, 25 April, 2024
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‘विदेशी शक्तियों को किया आमंत्रित’, जर्मनी द्वारा राहुल की अयोग्यता पर बात रखने के बाद बोले रिजिजू

किरण रिजिजू ने जर्मन विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देने वाले दिग्विजय सिंह के ट्वीट का हवाला दिया. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने राहुल गांधी की अयोग्यता पर अपनी बात रखी थी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर फिर से हमला बोला, जब जर्मन विदेश मंत्रालय ने संसद से उनकी अयोग्यता पर अपनी बात रखी.

दरअसल जर्मन मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि उन्होंने राहुल के ‘संसदीय जनादेश’ के ‘निलंबन’ पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि राहुल फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.

प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर समान रूप से लागू होंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हमने भारतीय विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया के फैसले के साथ-साथ उनके संसदीय जनादेश के निलंबन पर भी ध्यान दिया है. हमारी जानकारी के अनुसार, श्री गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं. तब यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला जायज है और क्या उनके जनादेश के निलंबन का कोई आधार है.’

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए, रिजिजू ने राहुल पर ‘भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने’ का आरोप लगाया. उन्होंने अयोग्यता पर ध्यान देने के लिए जर्मन विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट का हवाला दिया.

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रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद. याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती. भारत अब ‘विदेशी प्रभाव’ को बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधान मंत्री हैं श्री नरेंद्र मोदी जी.’ 

रिजिजू के तर्क ने आरोपों को आगे बढ़ाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राहुल के खिलाफ पिछले महीने ब्रिटेन की यात्रा के बाद से आरोप लगा रही है. यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों के साथ अपनी कई बातचीत में, गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र ‘हमले के अधीन’ है.

इसके बाद, भाजपा ने मांग की थी कि राहुल संसद के चालू बजट सत्र के दौरान लोकसभा के पटल पर अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगे. सत्र काफी हद तक बाधित रहा, क्योंकि विपक्ष ने भाजपा की माफी की मांग के जवाब में, अडानी मुद्दे पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की अपनी मांग को आगे बढ़ाया.

23 मार्च को, सूरत की एक स्थानीय अदालत ने कर्नाटक में 2019 के चुनावी भाषण में ‘मोदी समुदाय’ पर की गई टिप्पणी के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया. भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए राहुल ने पूछा कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है’.

24 मार्च को, लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि राहुल को मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. अगले ही दिन, उन्हें लोकसभा हाउस कमेटी द्वारा 30 दिनों के भीतर अपना आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए कहा गया था.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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