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Tuesday, 5 November, 2024
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शिवसेना की भाजपा को नसीहत- मनमोहन सिंह की खिल्ली उड़ाने के बजाय, ले सलाह

‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि भक्त चाहे जो समझें, मनमोहन सिंह ने विनम्रता के साथ सिर्फ अर्थव्यवस्था की सच्चाई को ही बयां किया है.

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मुंबई : महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने अर्थव्यस्था को ठीक से संभाल नहीं पाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है और प्रशासकों से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खिल्ली उड़ाने की बजाय उनकी बातों पर ध्यान देने का आग्रह किया है.

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे  सरकार के फैसलों से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है ‘जिसकी ओर सिंह ने सही ही ध्यान दिलाया है.’

संपादकीय में आगे कहा गया है, ‘भक्तों को चाहे जो लगता हो, अर्थव्यवस्था की सच्चाई साफ ज़ाहिर है, और आमतौर पर मौन रहने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने विनम्रता के साथ सिर्फ इस सच्चाई को ही बयां किया है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था को सिर्फ पार्टी फंड, हॉर्स ट्रेडिंग और चुनाव जीतने के संदर्भ में ही देखा गया है, और इसका खामियाज़ा देश के प्रशासन को उठाना पड़ रहा है.’

पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने रविवार को एक वीडियो के जरिए बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति को ‘बेहद चिंतनीय’ बताते हुए मोदी सरकार से अपील की थी कि ‘अर्थव्यवस्था को मानव-निर्मित संकट से बाहर निकालने के लिए उसे प्रतिशोध की राजनीति से ऊपर उठ कर संयत और समझदार लोगों की बातों पर ध्यान देना चाहिए.’

‘सामना’ के संपादकीय में मनमोहन सिंह के बयान के इस पहलू की चर्चा करते हुए कहा गया है: ‘मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के राजनीतिकरण से परहेज करने और देश को स्थायित्व देने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेने को कहा है. उनकी इस बात को गंभीरता से ले कर देश फायदे में रहेगा.’

हालांकि, संपादकीय में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की गई है. ‘मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला किया है और हमें कोई संदेह नहीं कि वह अपने कहे पर अमल करेंगे, पर देश की अर्थव्यवस्था और लोगों की रोज़ी-रोटी का सवाल भी उतना ही गंभीर है.’

‘मनमोहन सिंह को आज की स्थिति का पूर्वानुमान था’

‘सामना’ के संपादकीय में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि मनमोहन सिंह ने मौजूदा हालात के बारे में चार साल पहले ही चेतावनी दे दी थी, पर तत्कालीन राजनीतिक प्रशासकों ने उनका मज़ाक उड़ाया था, और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिंह की खिल्ली उड़ाते हुए उनके ‘रेनकोट पहन कर नहाने’ की बात की थी.

संपादकीय के अनुसार, ‘संक्षेप में कहें तो नए राजनीतिक प्रशासकों ने सिंह को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जो कि अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं जानता है. पर मनमोहन सिंह बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाते हों या छाता ओढ़ कर तालाब में छलांग लगाते हों, हमें ये स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि उन्हें देश की अर्थव्यवस्था की समझ है. देश भी इस बात को मानता है.’


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शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा है कि ‘मनमोहन सिंह का पिछले 35 वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था से वास्ता रहा है और वे देश को बुरे वक्त से निकाल चुके हैं. इसलिए यदि उन्हें आज के आर्थिक प्रशासकों की गलतियां नज़र आती हैं तो उन्हें इस बारे में बोलने का अधिकार है.’ संपादकीय में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भारतीय अर्थव्यवस्था की अब भी चीन और अमेरिका से तुलना करने पर आश्चर्य व्यक्त किया गया है.

शिवसेना के रुख के राजनीतिक निहितार्थ

अर्थव्यवस्था को लेकर शिवसेना का ये रवैया इस बात का एक और उदाहरण है कि पार्टी भाजपा की अगुआई वाली सरकार का हिस्सा होने के बावजूद अपनी अलग पहचान पर ज़ोर देने के लिए प्रयासरत है.

शिवसेना पहले भी इस बात को प्रदर्शित करती रही है कि वह भाजपा के हर बयान और काम का समर्थन नहीं करेगी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का घटक होने के बाद भी पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार को उसके पहले कार्यकाल में लगातार आड़े हाथों लिया था.

दोनों पार्टियों के बीच सत्ता संघर्ष स्पष्ट था, पर सेना अपनी ही सरकार की आलोचना करने के कदम का ये कह कर बचाव करती थी कि उसकी पहली जवाबदेही जनता के प्रति है, और वह इस खातिर सरकार का विरोध करने से भी नहीं चूकेगी.

लोकसभा चुनावों से पहले दोनों दलों में सुलह हो गई थी, और दोनों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक गठबंधन के तहत मिल कर लड़ने का फैसला किया था.

एक साथ ही कश्मीर मुद्दे पर सरकार की तारीफ और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर उसकी आलोचना कर, शिवसेना ये दिखाना चाहती है कि भाजपा से मेल-मिलाप के बाद भी उसका रुख नहीं बदला है, और वह सरकार के भीतर रह कर जनता के हितों के प्रहरी की भूमिका निभाती रहेगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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