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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशपूर्व RSS प्रमुख पर विवादित पोस्ट को लेकर दिग्विजय सिंह पर FIR, RSS ने कहा- धार्मिक मान्यताओं को आहत किया

पूर्व RSS प्रमुख पर विवादित पोस्ट को लेकर दिग्विजय सिंह पर FIR, RSS ने कहा- धार्मिक मान्यताओं को आहत किया

मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, शिकायत में दावा किया गया कि गोलवलकर पर सिंह की फेसबुक पोस्ट ने कथित तौर पर संघ कार्यकर्ताओं और पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक मान्यताओं को आहत किया है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को लेकर सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्टर साझा कर विद्वेष फैलाने के आरोप में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के खिलाफ इंदौर में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

पीटीआई की ख़बर के अनुसार स्थानीय वकील और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश जोशी द्वारा दायर एक शिकायत के बाद, सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत शनिवार रात को एफआईआर दर्ज की गई थी. तुकोगंज पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा, धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के आरोप में मामला दर्ज किया गया.

अपनी शिकायत में, जोशी ने आरोप लगाया कि सिंह ने दलितों, पिछड़े वर्गों, मुसलमानों और हिंदुओं के बीच संघर्ष पैदा करके लोगों को उकसाने के लिए ‘गुरुजी’ (गोलवलकर का लोकप्रिय नाम था) के नाम और तस्वीर के साथ फेसबुक पर एक विवादास्पद पोस्टर साझा किया था.

मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, शिकायत में दावा किया गया कि गोलवलकर पर सिंह की फेसबुक पोस्ट ने कथित तौर पर संघ कार्यकर्ताओं और पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक मान्यताओं को आहत किया है.

सिंह ने शनिवार को एक पेज की तस्वीर शेयर की जिसमें पूर्व आरएसएस प्रमुख, जो अपने प्रशंसकों के बीच गुरुजी के नाम से जाने जाते हैं, के हवाले से कई विवादास्पद टिप्पणियां थीं.

गोलवलकर को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि वह दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार दिलाने के बजाय ब्रिटिश शासन के अधीन रहना पसंद करेंगे. कुछ अन्य विवादास्पद टिप्पणियां भी उन्हीं की देन थीं.

पोस्ट के बाद, आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और इसके प्रचार विभाग के प्रमुख सुनील अंबेकर ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर “फ़ोटोशॉप्ड” छवि पोस्ट करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, यह निराधार है और सामाजिक वैमनस्यता पैदा करने वाला है. उन्होंने कहा कि ‘गुरुजी’ ने कभी ऐसी टिप्पणी नहीं की.

उन्होंने कहा कि उनका जीवन सामाजिक भेदभाव को दूर करने में बीता. गोलवलकर सबसे लंबे समय तक आरएसएस प्रमुख रहे और 1940-73 तक संगठन के शीर्ष पर रहे.

बता दें कि सिंह ने अपने फेसबुक से लेकर ट्विटर में यह पोस्ट शेयर किया, जिसका कैप्शन है, “गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व ज़मीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए.”

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख केके मिश्रा ने कहा,‘‘सिंह बिना प्रमाण के इंटरनेट पर कुछ भी साझा नहीं करते हैं. गोलवलकर से जुड़े पोस्ट को लेकर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने में पुलिस ने गजब की फुर्ती दिखाई, लेकिन पुलिस उन भाजपा नेताओं पर मामला दर्ज करने में हीले-हवाले करती है जो वीडी सावरकर के बारे में सिंह के तथ्यात्मक बयानों को सोशल मीडिया पर आए दिन काट-छांट कर पेश करते हैं.’’

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