scorecardresearch
Thursday, 30 May, 2024
होमराजनीतिसंसद से सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया ब्लॉक के नेता आज करेंगे विरोध प्रदर्शन करेंगे

संसद से सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया ब्लॉक के नेता आज करेंगे विरोध प्रदर्शन करेंगे

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि यदि वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: संसद से 146 सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि INDIA ब्लॉक शुक्रवार को सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन करेगा.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “विरोध करना उचित है और हम सभी दिल्ली में जंतर मंतर पर होंगे. INDIA ब्लॉक कल (शुक्रवार) सुबह सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन करेगा क्योंकि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि यदि वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं.”

एनडी गुप्ता, संदीप पाठक, संत बलबीर सीसेवाल और संजीव अरोड़ा समेत आप सांसद आज इंडिया ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.

इससे पहले शशि थरूर ने कहा था कि हमारे देश में ‘संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलि’ लिखना शुरू करने का समय आ गया है.

कांग्रेस नेता थरूर विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक निलंबित सांसदों के मार्च में शामिल थे, जो 13 दिसंबर की संसद सुरक्षा उल्लंघन घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

निलंबित लोकसभा सांसद थरूर ने कहा, “मैसेज बहुत साफ है, संसदीय लोकतंत्र में हम ऐसी स्थिति देख रहे हैं जिसमें सरकार, जिसकी जिम्मेदारी संसद चलाने की है, अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रही है.”

उन्होंने कहा कि केंद्र ने संसदीय लोकतंत्र की परंपरा का सम्मान करने में कोई इच्छा नहीं दिखाई. थरूर ने कहा, “एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई है, एक मंत्री के रूप में अपने कर्तव्य को पूरा करने के बजाय, (शाह) ने न केवल सदन में उपस्थित होने से इनकार कर दिया, जो कि उनका कर्तव्य है, बल्कि बाहर जाकर प्रेस बयान जारी करके सभी बातें कही. वे बातें जो वह सदन में कह सकते थे,”

“संसदीय लोकतंत्र के कन्वेंशन में यह नियम है. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसलिए हमारे दृष्टिकोण से, सरकार ने जो किया वह अस्वीकार्य था और संसदीय लोकतंत्र के कन्वेंशन का सम्मान करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई. दूसरे, जब सांसदों ने गृह मंत्री की उपस्थिति और मुद्दे पर चर्चा की मांग की तो इसके बजाय, उन्हें निलंबित कर दिया गया.”

निलंबित सांसद ने लोकसभा में 97 सांसदों की अनुपस्थिति में तीन आपराधिक कानून विधेयकों – भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक – के पारित होने को गलत बताया.

उन्होंने कहा, “यह एक अपमान है. वास्तव में, पिछले साल ही, सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश ने कहा था कि विपक्ष की आलोचना और मंत्रिस्तरीय उत्तरों की विधायी बहस के अभाव में, न्यायाधीशों के लिए उनके विधायी इरादे को समझकर कानूनों की व्याख्या करना मुश्किल होगा. तो जब यहां तक कि न्यायाधीशों के लिए भी यह संभव नहीं है, आप समझ सकते हैं कि इस सरकार ने विपक्ष के साथ परामर्श या चर्चा के बिना इन कानूनों को लागू करके देश के साथ कितना बड़ा अन्याय किया है. उन्होंने आगे कहा कि “यह वास्तव में एक हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलि लिखना शुरू करने का क्षण है.”


यह भी पढ़ेंः निलंबित सांसदों को लेकर गुस्सा क्यों नहीं दिख रहा? भारतीय वोट तो देते हैं पर संस्थानों की रक्षा नहीं करते 


 

share & View comments