नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर मामले को लेकर दिनेश खटीक के बाद अब कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भी नाराज़ चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि हर किसी को पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेन्स की नीति के बारे में पता है. अगर विभाग में अनियमितताएं हैं तो सरकार इसके लिए कड़ी कार्रवाई करेगी. स्पष्ट कार्रवाई की जाएगी.
जहां तक ट्रांसफर की बात है तो अगर किसी तरह की अनियमितता देखी जाएगी तो बदलाव किए जाएंगे. आगे जीरो टॉलरेन्स पॉलिसी के तहत कार्रवाई की जाएगी. नाराज होने का कोई सवाल ही नहीं है. जहां तक केंद्रीय नेताओं से मिलने का सवाल है तो हम जब भी समय मिले तो उनसे मिल सकते हैं. लेकिन अभी उनसे मिलने का कोई विचार नहीं है.
वहीं इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने विभागीय अधिकारियों द्वारा अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है. खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस्तीफे की इच्छा जाहिर की है. खटीक का यह पत्र सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहा है. वहीं, इस बारे में उनके पैतृक जिले मेरठ में जब संवाददाताओं ने इस्तीफे के बारे में मंत्री खटिक से उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई विषय नहीं हैं.’ मेरठ में उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि मंत्री दिल्ली गए हैं.
इस मसले पर ट्वीट करके अखिलेश ने कहा कि, ‘जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है.’
हालांकि, दिनेश खटीक के मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वह नाराज नहीं हैं, उनकी रोजाना बातचीत होती है. उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, वह इसे तिल का ताड़ बना रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘राज्यमंत्री दिनेश खटीक का पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान है. उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाता है. इसके अलावा अगर कहीं कोई बात है तो उस पर गंभीरता से चर्चा कर ली जाएगी और उसका समाधान निकाल लिया जाएगा.’
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