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बुधवार, 18 जून, 2025
होमराजनीतिबंद कमरे की बैठक में अखिलेश ने कांग्रेस और आज़म ‘साहब’ के साथ गठबंधन पर की खुलकर बात

बंद कमरे की बैठक में अखिलेश ने कांग्रेस और आज़म ‘साहब’ के साथ गठबंधन पर की खुलकर बात

सपा प्रमुख अखिलेश सहारनपुर के कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और सहारनपुर देहात के सपा विधायक आशु मलिक के बीच तनाव को लेकर अल्पसंख्यक नेताओं की चिंताओं पर बात कर रहे थे.

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच दरार की बढ़ती अटकलों के बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा-कांग्रेस गठबंधन की मजबूती और निरंतरता की पुष्टि करते हुए कहा कि यह 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक बरकरार रहेगा.

सहारनपुर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और सहारनपुर देहात सपा विधायक आशु मलिक के बीच चल रहे तनाव पर अपनी पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं की चिंताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने यह आश्वासन दिया. दोनों वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं के बीच सार्वजनिक रूप से वाकयुद्ध के बाद तनाव की शुरुआत हुई.

दोनों कथित तौर पर एक महीने से अधिक समय से एक-दूसरे के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं, जिससे सपा-कांग्रेस गठबंधन के भीतर कलह की अफवाहों को बल मिल रहा है.

सपा पदाधिकारियों के अनुसार, अखिलेश ने सोमवार को अल्पसंख्यक-विंग नेताओं और मंगलवार को पसमांदा मुसलमानों के साथ बैठक की और उनके विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. जब कई स्थानीय अल्पसंख्यक नेताओं ने पूछा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन जारी रहेगा या नहीं, तो अखिलेश ने स्पष्ट किया कि यह यूपी विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा.

बाद में जब कुछ नेताओं ने इमरान मसूद और आशु मलिक के बीच चल रहे विवाद के बारे में पूछा तो अखिलेश ने कहा, “पार्टी को मजबूत करें. हमारा कांग्रेस के साथ गठबंधन है. हमें मिलकर चुनाव लड़ना है. हम इमरान मसूद के बारे में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से बात करेंगे. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. न तो वह शीर्ष नेता हैं और न ही प्रवक्ता. आप सभी को गठबंधन करके जीत हासिल करनी चाहिए. विधानसभा चुनाव में भाजपा का जाना तय है.”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद पिछले कुछ हफ्तों से लगातार समाजवादी पार्टी पर हमला बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस को यूपी में किसी बैसाखी की ज़रूरत नहीं है.

समाजवादी पार्टी में मुस्लिम नेतृत्व में कमी का दावा करते हुए कांग्रेस सांसद मसूद ने यह भी कहा कि इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में 80-17 का फॉर्मूला काम नहीं करेगा. पिछली बार कांग्रेस पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन के तहत यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 17 पर चुनाव लड़ा था, लेकिन मसूद ने दावा किया है कि पार्टी राज्य की 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.

आज़म खान को ‘परेशान करना’

मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक में अखिलेश यादव ने स्थानीय सपा नेताओं को सलाह दी कि वह गठबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कांग्रेस के साथ विवादों को नज़रअंदाज करें, साथ ही उन्होंने सपा नेता आज़म खान और उनके परिवार का मुद्दा भी उठाया. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

अखिलेश ने दावा किया है कि आज़म ‘साहब’ और उनके परिवार को लगातार परेशान किया जा रहा है, उन्हें जेल भेजने के लिए उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा, “पूरी पार्टी आज़म साहब के साथ खड़ी है.” एक वरिष्ठ नेता ने बाद में दिप्रिंट से पुष्टि की है.

वरिष्ठ नेता के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद रावण तक कई राजनेता आज़म खान के मुद्दे को उतनी आक्रामकता से नहीं उठाते, जितनी उम्मीद की जाती है. हालांकि, समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने अब अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में हर बैठक में इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया है.

दिप्रिंट से बात करते हुए सपा अल्पसंख्यक विंग के प्रदेश अध्यक्ष शकील नदवी ने कहा, “बैठक अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर थी. हमने अपने नेतृत्व को यह स्पष्ट कर दिया है कि हम अखिलेश जी को एक बार फिर सीएम बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, क्योंकि वह देश के सबसे दूरदर्शी नेता हैं. हमने अपने वरिष्ठ नेता आज़म खान का मुद्दा भी उठाया है. भाजपा सरकार लगातार उनके परिवार को परेशान कर रही है. हमें हर अल्पसंख्यक के सामने यह मुद्दा उठाना चाहिए.”

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार, सपा के अल्पसंख्यक विंग के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव को बताया है कि पार्टी के टिकट वितरण में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को लेकर कोई समस्या नहीं है और आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में सरकार बनाना प्राथमिकता है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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