scorecardresearch
Monday, 6 May, 2024
होमराजनीतिमोदी, शाह ने 6 साल में अकूत संपत्ति जुटाई, अब विधायक खरीदने में इस्तेमाल कर रहे: दिग्विजय सिंह

मोदी, शाह ने 6 साल में अकूत संपत्ति जुटाई, अब विधायक खरीदने में इस्तेमाल कर रहे: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी की आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने द प्रिंट से कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी के बारे में टिप्पणी नहीं करते और दूसरों को भी ऐसा न करने की ही सलाह देते हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व संभालने की स्वाभाविक पसंद थे लेकिन अब भाजपा में रहते हुए ऐसा होना मुश्किल है, क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि आरएसएस से जुड़ी नहीं है. एक समय कांग्रेस में उनके सहयोगी रहे दिग्विजय सिंह ने यह बात दिप्रिंट से बातचीत में कही.

दिप्रिंट को दिए वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने भाजपा पर सरकारें गिराने के लिए विपक्षी विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश का आरोप भी लगाया और कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी ऐसा करने में सक्षम इसलिए है क्योंकि उसने पिछले 6 साल में अकूत संपत्ति जमा कर ली है.

सिंधिया मार्च में अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे जिसकी वजह से राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.

सिंह, जिनकी सिंधिया के बाहर होने में अहम भूमिका मानी जाती है, का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आता कि सिंधिया ने कांग्रेस क्यों छोड़ी.

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘बल्कि मैंने तो सिंधिया से भी कहा था कि वह बेहद कुशाग्र व्यक्ति हैं. पता नहीं वह कैसे भाजपा के प्रलोभन में आ गए.’ उन्होंने कहा, ‘और मैं उन्हें दावे के साथ कह सकता हूं भाजपा में आगे उनके लिए काफी मुश्किलें होने वाली हैं क्योंकि कांग्रेस में तो वह शीर्ष नेताओं में शुमार थे.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने आगे कहा, ‘मध्य प्रदेश में उनके (सिंधिया) लिया रास्ता पूरी तरह साफ ही था. आखिरकार मैं और कमलनाथ दोनों ही 70 पार की उम्र वाले हैं. और वह मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए एक स्वाभाविक पसंद थे लेकिन भाजपा में ऐसा नहीं है वहां केवल उन्हीं लोगों को कमान मिलती है जो आरएसएस से आए हों और उनकी पृष्ठभूमि आरएसएस वाली नहीं है.’

सिंह ने साथ ही यह भी कहा कि सिंधिया के लिए मुश्किलें इसलिए भी होने वाली हैं क्योंकि वह मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लोग उनके भाजपा विरोधी, शिवराज विरोधी और आरएसएस विरोधी उन भाषणों को भी देखेंगे जब वह भाजपा के विरोधी थे. जाहिर है इससे उनके लिए शर्मिंदगी वाली स्थिति भी उत्पन्न होने वाली है.’


यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार में चार में से तीन मंत्री आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं


कांग्रेस उपचुनाव के लिए तैयार

मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं लेकिन दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है. साथ ही कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जनता उन लोगों को नकार देगी जिन्होंने पैसे के लिए पार्टी छोड़ दी थी.

खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘जहां तक हमारी बात है तो हम सब एकजुट हैं. हम हर स्थिति और चुनौती का सामना करेंगे और अंतत: फायदा उठाने वाले लोगों को हरा देंगे. उन लोगों ने भाजपा से काफी सारा पैसा लिया और पार्टी छोड़ दी. जनादेश का उल्लंघन किया गया. ऐसे में लोग, आम जनता ही उन्हें सही जवाब देगी.’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ऐसे समय पर मध्य प्रदेश की सरकार गिराई जब उसे कोरोनावायरस के खिलाफ जंग की रणनीति में जुटे होना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो मैं आपको मोदी-शाह की जोड़ी के बारे में बता दूं. उन्हें तो बस खरीद-फरोख्त ही करना आता है. उन्होंने पिछले 6 साल में अकूत संपत्ति जमा कर ली है और अब इसका इस्तेमाल विधायकों को खरीदकर सरकारें गिराने में कर रहे हैं. उनके लिए विचारधारा कोई मायने नहीं रखती है. उनके लिए तो सत्ता और सिर्फ सत्ता ही अहमियत रखती है.’

दिग्विजय ने आगे कहा, ‘लेकिन लोग देख रहे हैं कि वह कोरोनावायरस संकट पर क्या कर रहे हैं, उन्होंने स्थिति को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. अब हम कोरोना मरीजों की संख्या के लिहाज से प्रभावित देशों की सूची में चौथे स्थान पर आ गए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें कोरोना और उसका संक्रमण फैलने के खिलाफ रणनीति बनानी चाहिए थी तब वह मध्य प्रदेश में सरकार गिराने में व्यस्त थे. इसलिए मैं समझता हूं कि देश को पता लगना चाहिए कि मोदी-शाह की जोड़ी, जो दो जिस्म एक जान हैं, देश के संसदीय लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी है. उन्हें लगता है कि किसी को भी खरीदा जा सकता है ऐसे में हमें चुनौती को स्वीकार करना होगा.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने इन दावों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया कि राज्य इकाई, खासकर उनके और कमलनाथ के बीच, में अंतर्कलह जारी है. उन्होंने कहा, ‘मैं कमलनाथ जी को पिछले 40 वर्षों से जानता हूं. हमारे बीच सौ फीसद सामंजस्य है और (हम) मिलकर काम करते हैं. भाजपा द्वारा मीडिया व अन्य लोगों के जरिये मेरे और उनके बीच मतभेद पैदा करने की तमाम कोशिशें की जा चुकी हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम 50 साल से ज्यादा समय से राजनीति में हैं. और कोई भी हमें बेवकूफ नहीं बना सकता और हमारे बीच कोई मतभेद नहीं पैदा कर सकता.

सशक्त दल-बदल विरोधी कानून की जरूरत

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अपने कुनबे को एकजुट रखने में कामयाब क्यों नहीं हो रही है, चाहे वह मध्य प्रदेश हो या फिर गुजरात जहां राज्यसभा चुनावों से पहले कई पार्टी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. सिंह ने कहा, ‘अगर आपको 25-35 करोड़ रुपये का ऑफर मिले तो क्या यह बहुत आकर्षक नहीं होगा? अगर वह जिंदगीभर विधायक रहते भी हैं तब भी इतना पैसा नहीं पा सकेंगे. हर कोई वैचारिक तौर पर बहुत मजबूत नहीं होता है और यही वजह है कि ऐसे प्रस्तावों के आगे वह विचारधारा को ताक पर रख देते हैं. यही हो भी रहा है.’

उन्होंने सशक्त दल-बदल विरोधी कानून की वकालत भी जिसमें ऐसा प्रावधान होना चाहिए कि जो कोई भी अपनी पार्टी से पाला बदलकर दूसरी पार्टी में जाए उस पर अगले छह साल तक चुनाव लड़ने की रोक लगा दी जाए.

उन्होंने कहा, ‘जब 1985 में राजीव गांधी दल-बदल विरोधी कानून लाए थे तो तब उसमें यह प्रावधान था. इसके बाद क्या हुआ इस पर तो मैंने ज्यादा रिसर्च नहीं की है….लेकिन अब इसकी बेहद जरूरत है अगर आप लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं.’

ऐसे में जबकि कई कांग्रेस नेताओं की तरफ से पार्टी की कार्यप्रणाली और इसके अपने आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं, दिग्विजय उनको बस एक ही सलाह देते हैं, ‘मैं अपने संगठन के बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोलता. अगर कुछ बात होती है तो मैं नेतृत्व से चर्चा करता हूं. इसके साथ ही मेरा सभी वरिष्ठ नेताओं से आग्रह है कि कांग्रेस पार्टी और संगठन के बारे में सार्वजनिक बयानबाजी से बचें.’

केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने हमारी सरकार गिराई

सिंह ने कहा कि एक आडियो क्लिप जिसमें कथित तौर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भाषण है, इस बात का प्रमाण है कि कमलनाथ सरकार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गिराया.

उन्होंने कहा, ‘अब यह एकदम स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और भाजपा को निर्देश केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से मिला था. और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व क्या है? मोदी, शाह और नड्डा? निश्चित तौर पर यही तीनों जिम्मेदार हैं. मेरा मीडिया से आग्रह है कि वह भाजपा से पूछे क्या चौहान जो कह रहे थे वह सही है या गलत. अगर वह सही कह रहे हैं तो यह लोग लोकतंत्र को चोट पहुंचाने के जिम्मेदार हैं.’

उन्होंने चौहान और उनके परिवार पर अवैध बालू खनन में लिप्त होने का आरोप भी लगाया.

उन्होंने कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान के मित्र, भाजपा के साथी भूमाफिया हैं और जमीन कब्जाने के काम में लिप्त हैं. यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि उनका पूरा परिवार अवैध बालू खनन में लिप्त है.’ उन्होंने कहा, ‘उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य इसमें शामिल हैं और यह मेरा खुला आरोप है. अगर मैं गलत हूं तो वह मेरे खिलाफ अवमानना का केस करें.’


यह भी पढ़ेंः राजस्थान में भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी इसलिए राज्यसभा चुनाव टाला गया: गहलोत


सिंह ने आगे कहा, ‘उन्हें यह चिंता सता रही थी कि अगर कमलनाथ मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो उनके कृत्य उजागर हो जाएं और यह कदम उठाया. यही वजह थी कि धन-बल का इस्तेमाल करके कांग्रेस की सरकार गिरा दी गई.’

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की वर्चुअल रैलियां सफल नहीं हो रही हैं. उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि एक रैली पर 140 करोड़ का खर्च आ रहा है, जाहिर हैं हम तो इतना खर्च नहीं उठा सकते लेकिन हमारे कार्यकर्ता साथ हैं और मतदाता भी इन लोगों (भाजपा) के खिलाफ हैं.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments