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Friday, 10 May, 2024
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न मोदी ‘भक्त’ हूं न विरोधी: आप के पूर्व नेता आशीष खेतान

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आप के पूर्व नेता आशीष खेतान ने दिप्रिंट की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आयुष्मान भारत के लिए बधाई दी जानी चाहिए लेकिन अन्य मुद्दों पर सवाल उठाया जाना चाहिए.

एक पत्रकार के रूप में मैंने पंद्रह वर्षों तक, तथ्यों के प्रति सच्चा रहने की कोशिश की. मैंने देश में बहुत दूर -दूर तक यात्रा की और राज्य सरकारों और केंद्रों में स्थानिक भ्रष्टाचार, गुजरात दंगों से 2 जी घोटाले, कोयला घोटाले जैसे घटनाओं और मुद्दों के विस्तृत पहलुओं पर रिपोर्ट की.

मेरे पास कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था और न ही किसी व्यक्ति या राजनीतिक संगठन से द्वेष था. मेरे पूरे पत्रकारिता कैरियर के दौरान, मुझे किसी भी मानहानि की कार्यवाही का सामना नहीं करना पड़ा. असल में ईश्वर ने मुझे कुछ खास गुजरात दंगा मामलों की जांच करने में गाइड किया; बाद में मेरी रिपोर्ट और अदालत में गवाही की वजह से कुछ आरोपियों को सज़ा भी सुनाई गई. 2005 में, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार ने बेस्ट बेकरी मामले में मेरी रिपोर्टिंग की सराहना की और इसे सच भी बताया.

आप में शामिल होने का मेरा निर्णय सकारात्मक बदलाव लाने की गहरी इच्छा से प्रेरित था. मैं भाग्यशाली था कि दिल्ली सरकार के शीर्ष नीति बनाने वाले लोगों के साथ तीन साल तक काम करने का मौका मिला.

जबकि मैं दिल्ली डायलॉग और डेवलपमेंट कमीशन का नेतृत्व कर रहा था, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और डीडीसी ने एक साथ सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना के ढांचे को तैयार करने के लिए कई महीनों तक काम किया. मेरा मानना है कि पैसे की कमी के कारण किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य की देखभाल से वंचित नहीं होना चाहिए. और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की भयानक अपर्याप्तता के कारण, यह ज़रूरी है कि हर कोई, विशेष रूप से गरीबों के पास सस्ती, गुणवत्ता वाले निजी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए. दुर्भाग्यवश, प्रणालीगत समस्याओं के कारण, दिल्ली डायलॉग और डेवलपमेंट कमीशन और दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना, फलित नहीं हो सकी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

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आयुष्मान भारत भी उसी रास्ते पर एक सही कदम है जिसे हम दिल्ली डायलॉग और डेवलपमेंट कमीशन की यात्रा में करना चाहते थे. इसके कार्यान्वयन में परेशानी की समस्या होगी. भ्रष्टाचार के आरोप होंगे और दुर्भाग्य से इसके लाभ और कमियों पर राजनीति होगी.

कुछ चीज़ें पार्टी राजनीति से ऊपर होनी चाहिए, उदाहरण के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा. इसी तरह, जब गरीबों और ज़रूरतमंदों को स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करने की बात आती है, तो हमें एक साथ खड़ा होना चाहिए.

अब मैं एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं, कानून का पालन करता हूं, किसी भी पार्टी विचारधारा से बाध्य नहीं हूं. हालांकि, मैं दिल में एक पत्रकार हूं और सार्वजनिक मुद्दों से जुड़ना जारी रखूंगा. आयुष्मान भारत की अगुआई के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी जानी चाहिए. सभी राज्यों को इसे मज़बूत करने और सफल बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. यदि वे चाहते हैं, तो वे कुछ उपयुक्त संशोधन कर सकते हैं. ऐसे अन्य मुद्दे हैं जिन पर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछे जाने चाहिए और वास्तव में, उन पर सवाल उठाने की ज़रूरत है. रोज़गार की कमी, निर्यात का गिरना और आर्थिक मोर्चे पर समग्र रूप से खऱाब प्रदर्शन, उनमें से कुछ हैं. सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते कारणों का जवाब एनडीए से माँगा जाना चाहिए .

मैं आलोचना और बड़ाई दोनों करूँगा. लेकिन मैं ‘भक्त’ या विरोधी होने से इनकार करता हूं.

यह नोट आशीष खेतान के ट्विटर हैंडल पर (@ आशीष खेतान) दिप्रिंट के रिपोर्ट के बाद आया है.

Read in English : I refuse to be a Modi ‘bhakt’ or an antagonist, says Ashish Khetan

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