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Sunday, 24 November, 2024
होमराजनीति‘राज्य में BJP का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं’ — हरियाणा के CM पद के लिए अनिल विज ने की दावेदारी पेश

‘राज्य में BJP का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं’ — हरियाणा के CM पद के लिए अनिल विज ने की दावेदारी पेश

विज ने कहा कि मुख्यमंत्री बनकर हरियाणा की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे, जबकि हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने नायब सैनी को भाजपा का सीएम चेहरा बताया.

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गुरुग्राम: हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने रविवार को मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश की, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि पार्टी नायब सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है और वे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले अंबाला कैंट से भाजपा विधायक विज ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं. मैं अपनी वरिष्ठता के आधार पर मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी पेश करूंगा. पार्टी मुझे बनाती है या नहीं, यह उसका फैसला है.”

यह दावा पेश करने वाले वे पहले भाजपा नेता नहीं हैं. इससे पहले गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी ऐसा ही किया था, लेकिन उस समय पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया देने में कोई तत्परता नहीं दिखाई.

विज ने कहा कि उन्होंने कभी कोई पद नहीं मांगा, लेकिन अब पहली बार ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पूरे हरियाणा से लोग मेरे पास आते हैं. मैं जहां भी जाता हूं, लोग पूछते हैं कि वरिष्ठ नेता होते हुए भी मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं हूं…अगर पार्टी मुझे सीएम बनाती है, तो मैं हरियाणा की तकदीर और तस्वीर बदल दूंगा.”

दिप्रिंट से फोन पर बात करते हुए विज ने कहा कि वे हरियाणा में भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और सभी पार्टियों के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं. विज ने कहा कि उन्होंने अंबाला कैंटोनमेंट सीट छह बार जीती है और आगामी चुनाव के बाद यह सातवीं जीत होगी.

राज्य के पूर्व गृह मंत्री ने कहा, “मैं राज्य भर से अपने समर्थकों के दबाव में हूं जो मुझसे मिलने अंबाला आते हैं और पूछते हैं कि मेरी वरिष्ठता के बावजूद मुझे सीएम क्यों नहीं बनाया गया. इसे देखते हुए मैंने विधानसभा चुनावों के बाद सीएम पद के लिए औपचारिक रूप से अपना दावा पेश करने का फैसला किया है. मौका मिलने पर मैं राज्य को पूरी तरह से बदल दूंगा. पार्टी मुझे मौका दे या न दे — यह पार्टी नेतृत्व का विशेषाधिकार है, लेकिन मैं अपना दावा पेश करूंगा.”

इस साल 29 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंचकूला में घोषणा की थी कि भाजपा हरियाणा विधानसभा चुनाव नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ेगी. हालांकि, हरियाणा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सैनी के नामांकन पर नाराज़गी जताई है.

रविवार को विज के बयान के तुरंत बाद भाजपा ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की.

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा के हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने फिर से पुष्टि की कि भाजपा का सीएम उम्मीदवार नायब सैनी ही हैं.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने भी मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि पार्टी नायब सैनी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ रही है, जो भाजपा के सीएम उम्मीदवार हैं.

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया. उस समय विज सैनी के चयन से नाराज़ थे और उन्होंने कई पार्टी बैठकों में अपनी नाराज़गी ज़ाहिर भी की थी. बाद में सैनी ने विज को अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया.

अनिल विज हरियाणा भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने अंबाला छावनी से आठ बार विधानसभा चुनाव लड़ा है, जिसमें से छह बार उन्हें जीत मिली है. इस बार वे फिर से अंबाला छावनी से चुनाव लड़ रहे हैं.

2014 में जब मोदी लहर जोरों पर थी और भाजपा ने हरियाणा में 90 में से 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था, तब अनिल विज, रामबिलास शर्मा और ओम प्रकाश धनखड़ हरियाणा के सीएम बनने की दौड़ में थे. उस समय चर्चा थी कि भाजपा सीएम पद के लिए जाट की जगह पंजाबी चेहरे को चुन सकती है, जिससे विज की उम्मीदवारी मजबूत होगी.

हालांकि, अचानक लिए गए कदम में पार्टी ने पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर का नाम आगे कर दिया, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं.

इसके बाद साढ़े नौ साल तक खट्टर हरियाणा के सीएम रहे, जबकि अनिल विज उनके मंत्रिमंडल में ताकतवर माने जाने वाले मंत्री थे.

लोकसभा चुनाव के दौरान अनिल विज ने सैनी के सीएम बनने पर नाराज़गी जताते हुए कहा था कि वे केवल अपने विधानसभा क्षेत्र में ही प्रचार करेंगे. उन्होंने तब कहा था, “मैं अंबाला कैंट में भाजपा की जीत सुनिश्चित करूंगा. मेरे साथ जो हुआ है, वो अब मुझे मालूम है. इसलिए मैं यहीं रहूंगा.”

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया था. शुरू में इस सूची में अनिल विज का नाम नहीं था. विज रातों-रात दिल्ली गए और केंद्रीय मंत्री और राज्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिले. बाद में भाजपा ने संशोधित सूची जारी की, जिसमें विज का नाम भी शामिल था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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