नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ की विश्वसनीयता को इस बार के विधानसभा चुनाव परिणाम में तगड़ा झटका लगा है. ताजा रुझानों के मुताबिक जिन हिंदी भाषी क्षेत्रों में आदित्यनाथ ने रैलियां की थीं, उसमें 59 फीसदी सीटों पर भाजपा पीछे नजर आ रही है.
भाजपा के हिंदू हृदय सम्राट और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 63 सीटों पर रैलियां की थीं, जिसमें 41 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ केवल 26 सीटों पर ही आगे दिखाई दे रही है.
आदित्यनाथ का प्रदर्शन सबसे खराब छत्तीसगढ़ में है, जहां उन्होंने 24 सीटों पर रैलियों को संबोधित किया था और उसमें से बीजेपी केवल 8 सीटों पर बढ़त बना पायी. 2013 में भाजपा ने इन 24 सीटों में से 16 पर जीत हासिल की थी. आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश में 13 सीटों के लिए रैलियां संबोधित की जिसमें भाजपा केवल पांच सीटों पर बढ़त बनाने में सफल रही. आदित्यनाथ ने राजस्थान में 26 रैलियां कीं जिसमें भाजपा केवल 13 पर बढ़त बना पायी. पार्टी ने पिछली बार इनमें से 23 सीटें जीती थीं.
भड़काऊ बयान देने वाले अपनी छाप छोड़ने में रहे असफल
आदित्यनाथ के खराब स्ट्राइक रेट ने बीजेपी के वोटों का ध्रुवीकरण करके चुनाव जीतने वाली रणनीति पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. अपने पूरे चुनावी अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने भड़काऊ बयान के कारण चर्चा में रहे.
राजस्थान में आदित्यनाथ ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को धमकी भरे बयान देते हुए कहा कि अगर उन्होंने राम मंदिर को लेकर कोई खतरा पहुंचाया तो एक और सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तैयार रहें. उनका हनुमान को दलित बताने वाला भड़काऊ बयान बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाते हुए दिखाई दे रहा है.
एक तरफ आदित्यनाथ चुनावी राज्यों में अपने भड़काऊ बयानों को लेकर चर्चा में रहे तो वहीं उत्तर प्रदेश दहला देने वाले कांड की वजह से सुर्खियों में बना रहा. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा बुलंदशहर में गौरक्षकों और पुलिस अधिकारियों के बीच मुठभेड़ रही. योगी आदित्यनाथ राजस्थान में सभाओं को संबोधित करते रहे, जब बुलंदशहर में सुबोध कुमार सिंह की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गयी थी.
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