कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल किया, जो उनकी सरकार की छवि बदलने के प्रयास के रूप में नजर आ रहा है. कथित स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में पूर्व वाणिज्य और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से ममता सरकार बैकफुट पर आ गई थी.
फेरबदल करते हुए ममता ने अपने मंत्रालय में आठ मंत्रियों को शामिल किया है. इसमें पांच कैबिनेट मंत्री, एक राज्य मंत्री (MoS) स्वतंत्र प्रभार के साथ और दो राज्य मंत्री है जबकि चार मंत्रियों को हटा दिया गया है. हटाए गए लोगों में शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी भी शामिल हैं, जिनकी कथित एसएससी घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि सुब्रत मुखर्जी और साधना पांडे के निधन और चटर्जी की गिरफ्तारी के चलते खाली पदों को भरने के लिए वह फेरबदल करने जा रही हैं.
ममता को बंगाल में लगातार तीसरी बार प्रचंड जनादेश मिलने के ठीक एक साल बाद मंत्रिमंडल में बदलाव किया गया है. राज्य में 2023 में पंचायत चुनाव होने हैं.
राजभवन में शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पार्थ भौमिक, उदयन गुहा, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, प्रदीप मजूमदार, बिप्लब रॉय चौधरी, सत्यजीत बर्मन और ताजमुल हुसैन शामिल हैं.
कोलकाता के बंगबासी कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर उदयन बंधोपाध्याय ने कहा, ‘ममता स्पष्ट रूप से फेरबदल के साथ अपनी एक साफ छवि पेश करने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि नए मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं.’ वह आगे कहते हैं, ‘कथित एसएससी घोटाले की जांच के बाद से तृणमूल बैकफुट पर है. इसलिए, कैबिनेट में बदलाव लाने का यह सही समय था.’
पार्थ को शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अनियमित नियुक्तियों में कथित संलिप्तता के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद ममता ने 28 जुलाई को चटर्जी को बर्खास्त कर दिया और उन विभागों का अतिरिक्त प्रभार संभाल लिया जो चटर्जी के पास थे.
राजनीतिक विश्लेषक और लेखक जयंत घोषाल ने कहा, ‘ममता घोटाले की वजह से पैदा हुई स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं. कैबिनेट में बदलाव लाना स्थिति को संभालने का एक तरीका है.’
उन्होंने कहा, ‘वह गलतियों को ठीक करने की कोशिश कर रहीं हैं – कुछ ऐसा जो इंदिरा गांधी अपने शासन में करती थीं.’
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वो प्रमुख चेहरे जिन्हें हटा दिया गया
ऐसा लगता है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने पार्टी के लिए बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत किया है और अनुभव पर भरोसा किया है. कुछ नए चेहरों को उनके भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी के रूप में भी जाना जाता है.
घोषाल ने बताया, ‘यह अभिषेक के काम करने की शैली की तरफ धीरे-धीरे जाते हुए किया गया बदलाव है. जिनकी योग्यता सिद्ध होगी उन्हें पदोन्नत किया जाएगा. लेकिन निश्चित रूप से उन्हें ममता की सहमति से ही मंत्री बनाया गया है.’
तृणमूल के एक अंदरूनी सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि कैसे पार्टी के लिए काम करने वालों को पुरस्कृत किया गया है. उन्होंने बताया कि, ‘पार्थ भौमिक कभी मुकुल रॉय के वफादार थे. रॉय ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए भी कहा था. लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और तृणमूल के साथ बने रहे.
सूत्र ने आगे बताया, ‘उन्होंने नोर्थ 24 परगना में तृणमूल युवा कांग्रेस का नेतृत्व किया जिसकी बागडोर कभी अभिषेक के हाथों में हुआ करती थी. भौमिक ने एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और बढ़ती भाजपा के कदमों को रोकते हुए अर्जुन सिंह को हरा दिया. आज का मंत्री पद उनका पुरस्कार है.’
भौमिक ने न केवल 2021 में अपनी सीट बरकरार रखी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह के गढ़ में भाजपा का प्रभाव प्रतिबंधित रहे. वह अब भाजपा से वापस टीएमसी में लौट आए हैं. नैहाटी से तीन बार के विधायक को सिंचाई और जलमार्ग का प्रभार दिया गया है, जो पहले सौमेन महापात्रा के पास था.
मोदी सरकार के फेरबदल में अपना पोर्टफोलियो गंवाने के कुछ महीनों बाद सितंबर 2021 में तृणमूल में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो को आईटी और पर्यटन मंत्री बनाया गया है.
सुप्रियो ने राजभवन में शपथ लेने के बाद कहा, ‘मैं अपनी पार्टी टीएमसी के लिए और भी अधिक काम करूंगा. यहां तक कि बीजेपी भी मुझ पर किसी गलत काम का आरोप नहीं लगा सकी. मैं प्रतिबद्ध हूं और ममता के नेतृत्व में बंगाल के लिए काम करता रहूंगा.’
राजनीतिक विश्लेषक बंदोपाध्याय ने कहा कि टीएमसी ने सुप्रियो को मंत्रिमंडल में शामिल करके गलत संदेश दिया है.
उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, एक व्यक्ति जिसने पिछले साल ममता विरोधी नारे लगाए और तृणमूल के खिलाफ लड़ाई लड़ी, वह राज्य सचिवालय में बैठा होगा. सुप्रियो को शामिल करना टीएमसी की एक खराब विचारधारा को दर्शाता है जिस पर वह चल रही है. तापस रॉय जैसे दिग्गज नेता की अनदेखी की गई और भाजपा के एक पूर्व नेता अब ममता के मंत्री होंगे.
लेकिन उदयन गुहा को उत्तर बंगाल के विकास की जिम्मेदारी देने के लिए राजनीतिक विश्लेषकों ने सराहना की है.
ममता बियोंड: 2021 के लेखक घोषाल ने बताया, ‘उदयन गुहा ने 2021 में पार्टी के लिए पॉजिटिव रिजल्ट दिए हैं. उनके पिता कमल गुहा पूर्ववर्ती ज्योति बसु सरकार में मंत्री थे और उत्तर बंगाल में वामपंथी व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे. उनकी एक साफ-सुथरी छवि है.’
उन्होंने कहा, ‘ज्योति बसु ने जो जिम्मेदारी पिता को सौंपी थी, अब वही जिम्मेदारी ममता ने बेटे को सौंपी है. वह उत्तर बंगाल में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए आदर्श हैं जिस पर तृणमूल का विशेष ध्यान है.’
एक और नया चेहरा है- प्रदीप मजूमदार. प्रदीप एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो पहले लगभग आठ सालों तक कृषि पर सीएम के सलाहकार रहे. वह अब पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को संभालेंगे जो पहले सुब्रत मुखर्जी के हाथों में था.
पार्टी के प्रवक्ता और हुगली जिला इकाई के प्रभारी तृणमूल विधायक स्नेहाशीष चक्रवर्ती को परिवहन विभाग का प्रभार दिया गया है.
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जिन्हें हटाया गया
महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ शशि पांजा को वाणिज्य और उद्योग विभाग का प्रभार दिया गया है. यह विभाग पहले चटर्जी ने संभाला हुआ था. सत्यजीत बर्मन को स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है. कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम को आवास विभाग से हटा दिया गया. अब वरिष्ठ मंत्री अरूप विश्वास को इस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह यूथ अफेयर्स को भी संभाल रहे हैं.
अधिकारी के अलावा, मंत्रिपरिषद से निकाले गए मंत्रियों में हुमायूं कबीर, सौमेन महापात्रा और रत्न डे नाग शामिल हैं.
2021 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी कबीर से कौशल विकास विभाग वापस ले लिया गया है. इसे संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन को दिया गया है.
नाग पर्यावरण मंत्री थे और साइंस, टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग भी संभालते थे. फिलहाल उनसे दोनों मंत्रालयों का प्रभार ले लिया गया है. जेल मंत्री उज्जवल बिस्वास को साइंस, टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग दिया गया है और पर्यावरण विभाग उपभोक्ता मामलों के मंत्री मानस भुइयां के पास है.
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