हैदराबाद: गांधी भवन स्थित तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का दफ्तर उस समय नेताओं से खचाखच भरा था, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी के खिलाफ लामबंद असंतुष्ट नेताओं के एक समूह को ‘शांत करने’ के मिशन के साथ गुरुवार को इस परिसर में घुसे. दिग्विजय सिंह उस समय राज्य के नेताओं के साथ बातचीत कर ही रहे थे, तभी कथित तौर पर टीपीसीसी कार्यालय में उनके समर्थन में ‘कांग्रेस जिंदाबाद’ के नारे लगाते सुनाई दे रहे थे.
दिग्विजय सिंह ने प्रत्येक नेता के साथ अलग-अलग बैठकें कीं, धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनी और उन्हें नोट में लिया. दिग्विजय सिंह के साथ हुई एक ‘सकारात्मक’ बैठक के बाद माना जा रहा कि असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी खत्म हो गई है.
कांग्रेस की तेलंगाना इकाई में अंदरूनी कलह के बीच राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बुधवार को हैदराबाद पहुंचे. नौ प्रमुख वरिष्ठ नेताओं के एक समूह (जी-9) ने पिछले हफ्ते रेवंत रेड्डी से ‘कांग्रेस को बचाने’ के लिए बंद कमरे में बैठकें कीं, जिसमें आरोप लगाया गया कि पार्टी में पुराने नेताओं को दरकिनार कर ‘नए’ लोगों को तरजीह दी जा रही है, और पीसीसी और वरिष्ठ नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी है.
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असंतुष्ट नेताओं ने आरोप लगाया कि नव-नियुक्त पार्टी कार्यकारिणी समितियों में जिन लोगों को जगह दी गई है, उनमें ज्यादातर पहले चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में थे जो इसी बात का संकेत है कि कांग्रेस के वफादारों को दरकिनार किया जा रहा है. कई निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की तरफ से समर्थित जी-9 ने यह भी आरोप लगाया था कि वरिष्ठ नेताओं को तेलंगाना पीसीसी नेतृत्व की तरफ से लिए जाने वाले निर्णयों की प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है.
इस मुद्दे ने आलाकमान का ध्यान तब खींचा जब तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस की और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को एक पत्र लिखा.
असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने दिप्रिंट को बताया, ‘बैठक काफी सकारात्मक थी. दिग्विजय सिंह बहुत अनुभवी नेता हैं और उन्होंने हमारे फीडबैक को धैर्यपूर्वक सुना. उन्होंने प्रमुख नेताओं से निजी तौर पर मुलाकात की और प्रत्येक बैठक लगभग 10-15 मिनट तक चली. हमारे सभी फीडबैक को एक रिपोर्ट में संकलित किया जाएगा और हाईकमान को सौंप दिया जाएगा, उन्होंने सब कुछ नोट कर लिया है.’
नरसिम्हा ने कहा कि उम्मीद है दिग्विजय सिंह के साथ बैठकों से कुछ समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा, ‘हम पार्टी के खिलाफ नहीं हैं, हम सब साथ काम करना चाहते हैं. लेकिन वरिष्ठता, विश्वसनीयता और एकजुटता को लेकर कुछ तो मानदंड होने चाहिए. कोई सिर्फ अपनी पसंद से सब कुछ नहीं कर सकता. हम चुनावी वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और पार्टी को एकजुट रहना होगा.’
नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करने वाले तेलंगाना कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि दिग्विज सिंह ने करीब 20 नेताओं से मुलाकात की—जिसमें जी-9 और रेड्डी के करीबी शामिल थे. इस दौरान उन्होंने खासकर वरिष्ठ नेताओं से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए काम और राज्य के नेतृत्व के प्रति उनकी नाराजगी के बारे में पूछा.
पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘वरिष्ठ नेताओं से यह भी कहा गया कि उन्हें मर्यादा बनाए रखनी चाहिए और अपना असंतोष इस तरह सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं लाना चाहिए. ये सभी वरिष्ठ नेता हैं और विभिन्न पदों पर रह चुके हैं. असंतुष्टों को यह भी बताया गया कि दिग्विजय सिंह दिल्ली में रेवंत रेड्डी से भी मिलेंगे.’
दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर आपसी कलह की ऐसी घटनाएं फिर से सामने आईं तो जांच शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘मैं सभी वरिष्ठ नेताओं से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि आगे से ऐसी कोई भी बातचीत पार्टी के भीतर और नेतृत्व के साथ की जानी चाहिए, एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए और यदि वे ऐसा करते हैं, तो पार्टी कार्रवाई करेगी चाहे नेता कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो.’ साथ ही जोड़ा, ‘मैंने सभी नेताओं से बात की है, उन्हें धैर्यपूर्वक सुना है, हम इन मुद्दों को सुलझा लेंगे.’
दिग्विजय सिंह एक ‘सियासी फॉर्मूला’
करीमनगर से कांग्रेस के विधान परिषद (एमएलसी) सदस्य जीवन रेड्डी ने कहा कि बैठक के दौरान सत्तारूढ़ दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर भी चर्चा हुई और इस पर भी ध्यान केंद्रित किया गया कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले तेलंगाना में कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जा सकता है.
दिग्विजय सिंह के साथ करीब 15 मिनट के लिए निजी मुलाकात करने वाले रेड्डी ने दिप्रिंट को बताया, ‘उन्हें आलाकमान की ओर से यहां भेजा गया है. और जाहिर तौर पर पार्टी में कुछ मतभेद हैं और उन्हें दूर करने के लिए ही दिग्विजय सिंह आए हैं. सारे मसले सुलझा लिए जाएंगे, बस इसमें थोड़ा समय लगेगा.’
पार्टी की राज्य इकाई में जारी मतभेदों सुलझ जाने की उम्मीद जताते हुए कांग्रेस विधायक जग्गा रेड्डी—जो जी-9 का हिस्सा है—ने दिग्विजय को को एक ‘राजनीतिक फॉर्मूला’ करार दिया. हालांकि, रेड्डी ने दिग्विजय सिंह के साथ मुलाकात पार्टी कार्यालय में नहीं की. इसके बजाय वह दिन में एक होटल में उनसे मिले.
अपना नाम न छापने की शर्त पर तेलंगाना कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वैसे तो वरिष्ठ नेताओं और पीसीसी प्रमुख के बीच ये मतभेद पिछले हफ्ते सामने आए लेकिन यह सब महीनों से चल रहा था. दिग्विजय सिंह को इन मुद्दों के बारे में तभी बताया गया था जब वह पिछले महीने भारत जोड़ो यात्रा के लिए तेलंगाना में थे.
नेता ने कहा, ‘रेवंत रेड्डी जबसे पीसीसी प्रमुख बने हैं वरिष्ठ नेताओं का आलाकमान से संपर्क कट गया. रेवंत कम्युनिकेशन का एकमात्र बिंदु बन गए थे. दिग्विजय सिंह को हैदराबाद भेजना वरिष्ठ नेताओं के अहम को तुष्ट करने का एक प्रयास है. यदि आलाकमान ने यह अंतर्कलह, खासकर नेताओं के सार्वजनिक तौर पर सामने आने के बाद, नजरअंदाज की तो स्थिति और बिगड़ जाएगी.’
नेता ने दावा किया कि रेड्डी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया था.
साथ ही जोड़ा, ‘दिग्विजय सिंह के हैदराबाद दौरे से रेवंत रेड्डी को अधिक लाभ होगा क्योंकि इसने फिलहाल वरिष्ठ नेताओं को शांत कर दिया है. ऐसा नहीं है कि उन्हें इन मुद्दों की जानकारी नहीं थी. दिग्विजय को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही इस बारे में बताया गया था लेकिन उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया था. हमें नहीं लगता कि तत्काल कोई कार्रवाई होगी, असंतुष्ट नेताओं को शांत करने की कवायद अधिक है.
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