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Monday, 18 November, 2024
होमराजनीति'हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे का घर नहीं खरीदना चाहिए,' कानपुर की बीजेपी मेयर बोलीं

‘हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे का घर नहीं खरीदना चाहिए,’ कानपुर की बीजेपी मेयर बोलीं

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे का कहना है कि इससे दोनों समुदाय एक साथ रहेंगे, यह सुनिश्चित होगा और वह अपने सुझाव के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार से संपर्क करेंगी.

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लखनऊ: कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि हिंदू और मुस्लिम एक-दूसरे का घर न खरीद सकें. मंगलवार को शहर के मुस्लिम बहुल मुंशी पुरवा इलाके के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि वह राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करेंगी.

मीडिया से बात करते हुए, भाजपा नेता पांडे, जो पहली बार 2017 में मेयर बनीं और इस साल मई में नागरिक निकाय चुनाव में फिर से चुनी गईं, ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि दोनों “समुदाय एक साथ रहें”.

उन्होंने कहा, “इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके अच्छे इरादे हैं (रखे जाएं). और ऐसी जगह से हिंदू पलायन कर जाते हैं,”

उन्होंने कहा कि इलाके का उनका दौरा एक हिंदू मंदिर के पास अवैध अतिक्रमण की शिकायत के बाद हुआ. उन्होंने मीडिया को बताया, “मुझे एक बुजुर्ग व्यक्ति से मुंशी पुरवा में एक मंदिर और एक कुएं पर मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत मिली थी.” “तो मैं यहां पहुंची हूं. उन्होंने कुएं पर कब्जा कर लिया है और उस पर कूड़ा डाल दिया है. मजार के पास किसी ने एक खिड़की और एक गेट बना लिया है. यह गलत इरादे को दिखाता है.”

पांडे ने कहा कि उन्हें मुसलमानों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह उनके इरादों को लेकर चिंतित हैं.

उन्होंने कहा, ”आपने (मुसलमानों ने) इतनी परेशानी पैदा की कि हिंदू यह जगह छोड़कर चले गए.” “धर्मस्थल को मत छुओ. यह मंदिर हमारा है. जो जहां है वहीं रहेगा. लेकिन फिर भी आपने इसके पास एक दरवाजा या एक खिड़की बना ली हैं, (यहां तक ​​कि) अपने आप को (वहां) राहत महसूस कर रहे हैं. यह गलत है.”

दौरे के दौरान पांडे के एक वीडियो में उन्हें कुछ और विवादास्पद टिप्पणियां करते हुए दिखाया गया है. इलाके से गुजरते समय, पांडे को वहां के कुछ घरों के बारे में पूछते हुए सुना जा रहा है. “सफाई कैसे होगी?” हिंदू सोचते हैं कि वे (मुसलमान) अधिक पैसे दे रहे हैं, घर बेच दें और चले जाएं. उनके (मुसलमानों) पास पैसा है,” उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है.

जब दिप्रिंट प्रतिक्रिया के लिए पांडे के कार्यालय में फोन पर पहुंचा, तो इस संवाददाता को उनके मीडिया प्रभारी प्रशांत शुक्ला की ओर से बताया गया कि , महापौर को क्षेत्र में अतिक्रमण के बारे में शिकायतें मिली थीं.

उन्होंने कहा,“जब मेयर ने घटनास्थल का दौरा किया, तो लगभग 100-200 लोग भी वहां पहुंच गए. कुआं निर्माण के मलबे से ढका हुआ था और रहने वालों ने (अपने घर के) के आगे अपने शामियाने बढ़ा लिए थे और पूरे परिसर पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने जूनियर इंजीनियर को मामले की जांच करने का निर्देश दिया. अगर काम अवैध है तो रुकेगा. अन्यथा, कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. ”

यह पहली बार नहीं है कि पांडे विवादों में आईं हैं. पिछले महीने साकेत नगर में कथित अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भाजपा नेता की डिमोलिशन ड्राइव के कारण कई मांस और मछली की दुकानें हटा दी गईं थीं. जबकि अधिकारियों ने दावा किया कि प्रतिष्ठान अवैध थे, कार्रवाई का उनके मालिकों ने विरोध किया, जिन्होंने दावा किया कि वे वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे थे.

2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान, पांडे पर कथित तौर पर एक मतदान केंद्र के अंदर तस्वीरें क्लिक करने और उन्हें व्हाट्सएप पर साझा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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